ओडिशा में बड़ा एनकाउंटर: ₹1.10 करोड़ का इनामी माओवादी ढेर, भारी मात्रा में हथियार बरामद
ओडिशा के कंधमाल में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में CPI (माओवादी) का टॉप लीडर गणेश उइके मारा गया। ऑपरेशन में कुल चार माओवादी ढेर।
ओडिशा के कंधमाल में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में CPI (माओवादी) का टॉप लीडर गणेश उइके मारा गया।
Odisha Maoist Encounter: ओडिशा में नक्सल विरोधी अभियान के तहत सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। CPI (माओवादी) के शीर्ष नेता और सेंट्रल कमेटी मेंबर गणेश उइके को एक मुठभेड़ में मार गिराया गया है। उइके पर कुल ₹1.10 करोड़ का इनाम घोषित था और वह ओडिशा में माओवादी गतिविधियों का मुख्य संचालक माना जाता था।
खुफिया सूचना के आधार पर शुरू हुआ ऑपरेशन
पुलिस के अनुसार, यह मुठभेड़ कंधमाल जिले के जंगलों में चलाए गए विशेष नक्सल विरोधी अभियान के दौरान हुई। सुरक्षा एजेंसियों को माओवादियों की मौजूदगी को लेकर पुख्ता खुफिया जानकारी मिली थी, जिसके बाद इलाके में सर्च और कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू किया गया।
एक ही ऑपरेशन में चार माओवादी ढेर
इस अभियान के दौरान अलग-अलग स्थानों पर हुई गोलीबारी में कुल चार माओवादी मारे गए, जिनमें दो पुरुष और दो महिला कैडर शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि बुधवार रात बेलघर थाना क्षेत्र के गुम्मा जंगल में मुठभेड़ हुई थी, जबकि गुरुवार सुबह तलाशी अभियान के दौरान एक महिला माओवादी का शव बरामद किया गया।
मारे गए अन्य माओवादियों की पहचान
पुलिस ने जिन अन्य माओवादियों की पहचान की है, उनमें बारी उर्फ राकेश (एरिया कमेटी मेंबर) और अमृत (दालम सदस्य) के रूप में हुई है। दोनों छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे और इन पर कुल ₹23.65 लाख का इनाम घोषित था। महिला माओवादी की पहचान फिलहाल नहीं हो पाई है।
SOG, CRPF और BSF का संयुक्त अभियान
इस पूरे ऑपरेशन में ओडिशा पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के साथ CRPF और BSF की संयुक्त टीमें शामिल थीं। करीब 23 टीमें कंधमाल और उससे सटे गंजाम जिले के घने जंगलों में तैनात की गई थीं। मुठभेड़ वाली जगह से सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और उपकरण बरामद किए हैं, जिनमें INSAS राइफल .303 राइफल, रिवॉल्वर, वायरलेस और अन्य संचार शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि इस कार्रवाई में किसी भी सुरक्षाकर्मी के घायल होने की सूचना नहीं है।
इलाके में सर्च ऑपरेशन तेज
पुलिस का कहना है कि इलाके में अब भी सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अन्य माओवादी कैडर आसपास छिपा न हो।
यह मुठभेड़ ऐसे समय हुई है, जब कुछ दिन पहले ही पड़ोसी मलकानगिरी जिले में 22 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया था। सुरक्षा एजेंसियां इसे माओवादी नेटवर्क पर बढ़ते दबाव के संकेत के तौर पर देख रही हैं।