World Indigenous Day 2024: कब हुई विश्व आदिवासी दिवस की शुरुआत, जानें क्या है इसका महत्व

विश्व आदिवासी दिवस 2024: जानिए इस दिन का इतिहास, महत्व और इस साल की थीम। आदिवासी समुदायों के अधिकारों की सुरक्षा और उनके योगदान को मान्यता।

Updated On 2024-08-09 08:44:00 IST
World Indigenous Day 2024

World Indigenous Day 2024: हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस (World Indigenous Day 2024) मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा और उनके महत्त्व के प्रति जागरूकता फैलाना है। यह दिन उन लोगों को समर्पित है जिनका प्रकृति के साथ घनिष्ठ संबंध है। आदिवासी समुदाय किसी भी देश की जैव विविधता (biodiversity) की सुरक्षा में बहुत अहम योगदान देते हैं।

कब हुई विश्व आदिवासी दिवस की शुरुआत
संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations) ने 1994 में अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस की स्थापना की थी। यह दिवस 1982 में हुई पहली बैठक की तारीख को चिन्हित करता है, जिसमें आदिवासी समुदायों के मुद्दों पर चर्चा की गई थी। 2007 में, संयुक्त राष्ट्र ने आदिवासी लोगों के अधिकारों पर एक घोषणा पत्र (UNDRIP) को अपनाया, जिसने आदिवासी समुदायों के अधिकारों को वैश्विक स्तर पर मान्यता दी।

जानें, क्या है विश्व आदिवासी दिवस मनाने का महत्व
विश्व आदिवासी दिवस का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदायों के योगदान की पहचान करना है। इसके साथ ही यह आदिवासियों की समस्याओं के प्रति समाज को जागरूकता करने के लिहाज से यह दिन बेहद खास माना जाता है। आदिवासी समुदाय के लाेग पर्यावरण संरक्षण (environmental protection) और सस्टेनेबल लिविंग (sustainable living) में बड़ा योगदान देते हैं। आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा और उनकी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना समाज के सभी वर्गों जिम्मेदारी बतानें के लिए यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है। यह दिन याद दिलाता है कि हमें आदिवासियों की अनूठी पहचान और जीवनशैली का सम्मान करना चाहिए।

क्या है विश्व आदिवासी दिवस 2024 की थीम
हर साल की तरह इस साल भी यूनेस्को (UNESCO) ने विश्व आदिवासी दिवस के लिए एक खास थीम तय की है। 2024 की थीम है, 'स्वैच्छिक अलगाव और प्रारंभिक संपर्क में आदिवासी लोगों के अधिकारों की रक्षा'। इस थीम के तहत, आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा और उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया गया है। दुनिया भर में विश्व आदिवासी दिवस पर मूल निवासी लोगों के अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यक्रमों आयोजिक किए जाते हैं।

भारत में आदिवासी समुदाय देश के कई हिस्सों में मौजूद
भारत में भी आदिवासी समुदायों का अहम योगदान रहा है। आदिवासी समुदाय के लाेगों की देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूदगी है। आदिवासी समुदाय अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराओं के साथ जुड़े हुए हैं। आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक धरोहर (cultural preservation) और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए सरकार और समाज का सहयोग जरूरी है। इस दिन पर आदिवासी समुदाय की संस्कृति और परंपराओं के बारे में जागरूक करने के लिए कई कैंपेन शुरू किए जाते हैं।

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