वक्फ संशोधन कानून: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जवाब, कानून में बदलाव की बताई वजह
Wakf Amendment Act: वक्फ संशोधन कानून को लेकर चल रही बहस के बीच केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना विस्तृत जवाब दाखिल कर दिया। केंद्र सरकार ने साफ किया है कि वक्फ कानून में बदलाव क्यों जरूरी था।
Wakf Amendment Act: केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपना विस्तृत जवाब दाखिल कर दिया। सरकार ने कहा कि इस कानून में बदलाव का मुख्य उद्देश्य 'वक्फ बाय यूजर' प्रावधान के दुरुपयोग को रोकना था। केंद्र ने ये भी बताया कि 1923 से चली आ रही इस व्यवस्था के तहत 5,975 सरकारी संपत्तियों को अवैध रूप से वक्फ घोषित किया जा चुका था।
केंद्र सरकार के अनुसार, 2016 से अब तक वक्फ संपत्तियों में 116 गुना वृद्धि दर्ज की गई थी, जो इस प्रावधान के व्यापक दुरुपयोग को दर्शाता है। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया कि इस संशोधन से मुस्लिम समुदाय के वक्फ करने के अधिकार को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया है, बल्कि केवल कानूनी प्रक्रियाओं को और स्पष्ट किया गया है।
वक्फ बोर्ड कोई धार्मिक संस्था नहीं: केंद्र
सरकार ने अपने हलफनामे में आरोप लगाया कि इस कानून को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता अदालत को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। जवाब में यह भी बताया गया कि वक्फ बोर्ड कोई धार्मिक संस्था नहीं है और इसमें 22 सदस्यों में से दो गैर-मुस्लिम सदस्य हो सकते हैं, जो समावेशी प्रतिनिधित्व को दर्शाता है।
'संसद द्वारा बनाए गए कानूनों पर रोक लगाना सही नहीं'
केंद्र ने अदालत से कहा कि संसद द्वारा बनाए गए कानूनों पर बिना विस्तृत सुनवाई के रोक लगाना उचित नहीं होगा। सरकार के अनुसार, पिछले 100 वर्षों से वक्फ बाय यूजर की प्रक्रिया मौखिक नहीं, बल्कि रजिस्ट्रेशन के तहत ही चलती आई है। अब अदालत इस मामले में पूरी सुनवाई के बाद ही कोई निर्णय लेगी।