विजय माल्या की बढ़ी मुसीबत: CBI ने कसा शिकंजा, 180 करोड़ के लोन डिफॉल्ट मामले में गैर-जमानती वारंट जारी

Vijay Mallya Warrant: CBI की विशेष अदालत ने विजय माल्या के खिलाफ 180 करोड़ के लोन डिफॉल्ट मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किया है। माल्या पर IOB को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।

Updated On 2024-07-02 09:40:00 IST
Vijay Mallya Warrant

Vijay Mallya Warrant: विजय माल्या के खिलाफ सीबीआई (CBI) की विशेष अदालत ने इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) से जुड़े ₹180 करोड़ के लोन डिफॉल्ट मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किया है। न्यायाधीश एसपी नाइक निंबालकर ने 29 जून को यह वारंट जारी किया, जो सोमवार को विस्तृत आदेश के रूप में उपलब्ध कराया गया। माल्या पर आरोप है कि उन्होंने किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमोटर के रूप में ऋण का जानबूझकर भुगतान नहीं किया, जिससे बैंक को बड़ा नुकसान हुआ।

सीबीआई की सख्त कार्रवाई
सीबीआई ने अपने वारंट में बताया कि माल्या ने इंडियन ओवरसीज बैंक को 180 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया। मौजूदा समय में माल्या लंदन में रह रहे हैं। माल्या को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा चुका है। माल्या के खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रहा ह।  भारत सरकार माल्या के प्रत्यर्पण की मांग कर रही है। सीबीआई की दलीलों और माल्या को भगोड़ा घोषित किए जाने के मद्देनजर सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने माल्या के खिलाफ ओपन-एंडेड एनबीडब्ल्यू जारी करने का आदेश दिया।

2007 और 2012 के बीच का है ऋण विवाद
किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा 2007 से 2012 के बीच लिए गए कर्ज के कथित बंटवारे के संबंध में सीबीआई ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। आरोपपत्र में दावा किया गया है कि माल्या ने कर्ज का भुगतान जानबूझकर नहीं किया, जिससे बैंक को 141.91 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इसके अलावा, कर्ज को शेयरों में बदलने से 38.30 करोड़ का अतिरिक्त नुकसान हुआ। सीबीआई की याचिका में माल्या को भगोड़ा और फरार बताया गया है, जो इंग्लैंड में रहकर भारत में कानून की प्रक्रिया को बाधित कर रहा है। 

अदालत ने माल्या पर क्या की टिप्पणी
सीबीआई की दलील पर गौर करते हुए अदालत ने कहा कि माल्या फरार हैं और उन्हें भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। उनके खिलाफ अन्य मामलों में भी गैर-जमानती वारंट लंबित हैं, इसलिए उन्हें समन जारी करने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। अदालत ने इस मामले में उनके खिलाफ ओपन-एंडेड एनबीडब्ल्यू जारी करने का फैसला लिया है ताकि उनकी मौजूदगी सुनिश्चित की जा सके।

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