Homemakers Rights: सुप्रीम कोर्ट का सुझाव- पुरुष गृहणियों का रोल पहचानें; ज्वाइंट अकाउंट, ATM एक्सेस आर्थिक मजबूती के उपाय

Homemakers Rights: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला सुनाया कि एक तलाकशुदा मुस्लिम महिला आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के तहत पति से गुजारा भत्ता मांग सकती है।

Updated On 2024-07-10 16:37:00 IST
Homemakers Rights Supreme Court Underlines

Homemakers Rights: देश की शीर्ष अदालत ने बुधवार को तलाकशुदा महिलाओं के हक में बड़ा फैसला दिया। साथ ही पुरुषों को नसीहत भी दी। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान महिलाओं के कई अधिकारों पर प्रकाश डाला। अदालत ने तल्ख लहजे में कहा कि अब समय आ गया है कि भारतीय पुरुष गृहिणियों की अपरिहार्य भूमिका और परिवार के लिए उनके त्याग को पहचानें। साथ ही कोर्ट ने विवाहित महिलाओं को आर्थिक मजबूती सुनिश्चित करने पर जोर दिया। अदालत ने घर में ज्वाइंट बैंक अकाउंट खोलने और गृहणियों को एटीएम एक्सेस जैसे व्यावहारिक उपाय भी सुझाए हैं।

गुजारा भत्ता चैरिटी नहीं, विवाहित महिलाओं का मौलिक अधिकार
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच एक अहम फैसले में तलाकशुदा मुस्लिम महिला को आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के तहत पति से गुजारा भत्ता मांगने को उचित बताया है। बेंच ने कहा कि गुजारा भत्ता मांगने का कानून सभी विवाहित महिलाओं पर लागू होता है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो। तलाक के बाद मुस्लिम महिला पति से भरण-पोषण की हकदार है, गुजारा भत्ता कोई दान या चैरिटी नहीं, बल्कि विवाहित महिलाओं का मौलिक अधिकार है। एमिकस क्यूरी गौरव अग्रवाल ने कहा कि पर्सनल लॉ किसी महिला से जेंडर न्यूट्रल सीआरपीसी के तहत राहत का अधिकार नहीं छीनता है। 

गृहिणियों की भूमिका पर सुप्रीम कोर्ट ने डाला प्रकाश

  • भारतीय परिवारों में गृहिणी की भूमिका को अंडरलाइन करते कोर्ट ने कहा- पतियों के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी पत्नियों की आर्थिक मजबूती सुनिश्चित करें। घर में महिलाओं को आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त बैंक खाता खोलने और एटीएम एक्सेस शेयर करने जैसे व्यावहारिक उपाय अपनाए जा सकते हैं।
  • जस्टिस नागरत्ना ने तल्ख टिप्पणी में कहा, "कुछ पतियों को इस तथ्य के बारे में पता नहीं है कि पत्नी, जो एक गृहिणी है, भावनात्मक रूप से और अन्य तरीकों से उन पर निर्भर है। अब समय आ गया है कि भारतीय पुरुष को एक गृहिणी की भूमिका को जानना और त्याग करना चाहिए।'' (ये भी पढ़ें, तलाकशुदा के गुजारा भत्ते पर बड़ा फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- यह चैरिटी नहीं, सभी धर्म की महिलाएं इसकी हकदार)

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