कलकत्ता HC में दो जज भिड़े, एक्शन में आया सुप्रीम कोर्ट: सीबीआई जांच के आदेश पर लगाई रोक, अब 29 जनवरी को होगी सुनवाई

Supreme Court Hears Calcutta High Court Controversy: जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की सिंगल बेंच ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश को नजरअंदाज करने का निर्देश दिया था और सीबीआई को फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले की जांच शुरू करने को कहा था।

Updated On 2024-01-27 11:46:00 IST
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Supreme Court Hears Calcutta High Court Controversy: कलकत्ता हाईकोर्ट के जज बनाम जज की लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी दखल दी है। सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में सिंगल बेंच के जज अभिजीत गंगोपाध्याय के सीबीआई जांच के निर्देश पर रोक लगा दी है। साथ ही पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और हाईकोर्ट में मूल याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया है। सिंगल जज और डिवीजन बेंच की सुनवाई पर भी रोक लगाई है। अदालत अब इस मामले पर 29 जनवरी को सुनवाई करेगा। 

पश्चिम बंगाल फर्जी जाति प्रमाण पत्र और दो जजों के बीच लड़ाई के बाबत सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में 5 जजों की पीठ ने शनिवार को सुनवाई की। पीठ में जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, सूर्यकांत और अनिरुद्ध बोस शामिल रहे। 24 जनवरी को कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने जस्टिस सोमेन सेन पर पार्टी विशेष को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था।

इसके बाद जस्टिस गंगोपाध्याय ने उनके फैसले पर रोक लगा दी। जस्टिस सोमेन ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लेने से जुड़े केस में सीबीआई जांच रोकने का फैसला दिया था। 

जस्टिस गंगोपाध्याय ने आदेश को नजरअंदाज करने का दिया निर्देश
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की सिंगल बेंच ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश को नजरअंदाज करने का निर्देश दिया था और सीबीआई को फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले की जांच शुरू करने को कहा था।

जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि जस्टिस सेन पश्चिम बंगाल राज्य में कुछ राजनीतिक दल के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि जस्टिस सेन ने सत्ता में मौजूद कुछ राजनीतिक दल को बचाने के लिए ऐसा किया है और उनकी हरकतें कदाचार के समान हैं।

24 जनवरी को दस्तावेज सीबीआई को सौंपने के लिए कहा
यह पूरा मामला हाईकोर्ट में एक याचिका से उठा। जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश को आसान बनाने के लिए कई व्यक्तियों को बड़े पैमाने पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। जस्टिस गंगोपाध्याय की एकल न्यायाधीश पीठ ने 24 जनवरी को पश्चिम बंगाल पुलिस से मामले से संबंधित दस्तावेज सीबीआई को सौंपने को कहा। कुछ समय बाद मामले का उल्लेख न्यायमूर्ति सेन और उदय कुमार की डबल बेंच के समक्ष किया गया। जिसने एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगा दी।

न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय की एकल न्यायाधीश पीठ ने फिर से मामले की सुनवाई की और पश्चिम बंगाल पुलिस से सीबीआई को कागज देने को कहा। गुरुवार को खंडपीठ एकल न्यायाधीश पीठ के फैसले से सहमत नहीं थी। सिंगल बेंच ने 25 जनवरी को फिर से मामले की सुनवाई की और न्यायमूर्ति सेन के खिलाफ कुछ टिप्पणियां पारित कीं। 

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