NEET 2024 Row: 'अगर 0.001% भी लापरवाही हो तो...', सुप्रीम कोर्ट ने NEET विवाद में NTA को फटकार लगाई

NEET 2024 Row: मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) को लेकर उत्पन्न चिंताओं के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को कड़ी फटकार लगाई है।

Updated On 2024-06-18 12:11:00 IST
NEET 2024 Row

NEET 2024 Row: मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए आयोजित राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) को लेकर उत्पन्न चिंताओं के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 18 जून को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को कड़ी फटकार लगाई है। NTA, जो देश भर में मेडिकल कॉलेज के उम्मीदवारों के लिए परीक्षा आयोजित करती है, को सुप्रीम कोर्ट ने आज सख्त चेतावनी दी।

सुप्रीम कोर्ट की एनटीए के खिलाफ सख्त टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "अगर किसी की ओर से 0.001% भी लापरवाही हाे तो, तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए।" सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि परीक्षा प्रक्रिया में किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मामले की अगली सुनवाई  8 जुलाई को
मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी। पिछले सप्ताह एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि NEET-UG परीक्षा में 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क्स खत्म कर दिए जाएंगे और उम्मीदवारों के पास 23 जून को फिर से परीक्षा देने का विकल्प होगा।

ग्रेस मार्क्स को लेकर कोर्ट में क्या कहा गया
सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि दोबारा परीक्षा के नतीजे 30 जून से पहले घोषित किए जाएंगे। अगर इनमें से कोई भी उम्मीदवार दोबारा परीक्षा नहीं देना चाहता है, तो उसके पिछले स्कोर को बिना अतिरिक्त अंकों के बहाल कर दिया जाएगा।

पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स देने में गड़बड़ी के आरोप
5 मई को 24 लाख छात्रों द्वारा ली गई मेडिकल प्रवेश परीक्षा के नतीजे 4 जून को घोषित किए गए। जल्द ही परीक्षा के पेपर लीक होने के आरोप सामने आए, जिसमें 67 छात्रों को 720/720 का परफेक्ट स्कोर मिला। कथित तौर पर परीक्षा केंद्र पर समय की बर्बादी की भरपाई के लिए कई छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए।

छात्रों ने एनटीए के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन
कई छात्र संगठनों ने कथित नीट अनियमितताओं को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है। इसमें गलत प्रश्नपत्र वितरित किए जाने, ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन (ओएमआर) शीट फाड़े जाने या शीट के वितरण में देरी जैसी समस्याएं शामिल हैं।

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