हेमंत सोरेन को वापस लेनी पड़ी जमानत याचिका: सुप्रीम कोर्ट ने वकील कपिल सिब्बल को सुनाई खरी-खोटी, कहा- आपका आचरण बेदाग नहीं

Supreme Court Rejects Hemant Soren Bail Petition: हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है। इससे पहले 13 मई को सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। अब वे अपनी पार्टी के लिए प्रचार नहीं कर पाएंगे। 

Updated On 2024-05-22 14:27:00 IST
Hemant Soren

Supreme Court Rejects Hemant Soren Bail Petition: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। बुधवार (22 मई) को सुप्रीम कोर्ट ने तथ्यों के छिपाने की बात कहते हुए हेमंत सोरेन को राहत देने से इंकार कर दिया। शीर्षतम अदालत ने खबू खरी-खोटी भी सुनाई। इसके बाद सोरेन के वकील कपिल सिब्बल ने अंतरिम जमानत याचिका वापस ले ली। अब साफ हो गया है कि कथित जमीन घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार हेमंत सोरेन दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर जेल से बाहर आकर लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए प्रचार नहीं कर पाएंगे। सोरेन को जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने गिरफ्तार किया था। 

तस्वीर हुई साफ, नहीं कर पाएंगे प्रचार
झारखंड में लोकसभा की 14 सीटें हैं। यहां मतदान चार चरणों में होना है। सात सीटों पर मतदान पूरा हो चुका है, बाकी 7 सीटों पर छठे और सातवें यानी अंतिम चरण में 25 मई और 1 जून को मतदान होना है। हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है। इससे पहले 13 मई को सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। अब वे अपनी पार्टी के लिए प्रचार नहीं कर पाएंगे। 

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सुप्रीम कोर्ट ने कपिल सिब्बल से क्या कहा?
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने बुधवार को हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई की। सोरेन की तरफ से उनके वकील कपिल सिब्बल पेश हुए। अदालत के संज्ञान में आया कि हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट के अलावा रांची की एक विशेष अदालत में भी जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इस पर खंडपीठ नाराज हो उठी। 

अदालत ने सिब्बल से कई कड़े सवाल पूछते हुए कार्यवाही शुरू की। अदालत ने कहा कि हमें कुछ चीजें साफ करनी है। आपने हमें यह नहीं बताया कि पहले से ही निचली अदालत में जमानत याचिका दायर कर रखी है। आपके मुवक्किल को हमें बताना चाहिए था। आप हमसे महत्वपूर्ण तथ्य नहीं छिपा सकते। आपका आचरण आप पर बहुत कुछ छोड़ता है। कपिल सिब्बल ने इसे अपनी गलती करार दिया। उन्होंने कहा कि मैं अदालत को गुमराह नहीं कर रहा हूं। हालांकि, अदालत पीछे हटने के मूड में नहीं थी।

कपिल सिब्बल ने कहा कि सोरेन हिरासत में हैं। उन्हें अदालतों में दायर की जा रही याचिकाओं की उन्हें जानकारी नहीं है। इस पर बेंच ने कहा कि आपका आचरण बेदाग नहीं है। सोरेन कोई साधारण शख्स नहीं हैं। जस्टिस दत्ता ने फिर पूछा कि ऐसा क्यों है कि किसी भी याचिका में (विशेष अदालत द्वारा) संज्ञान लेने का उल्लेख नहीं किया गया है? आप अपना मौका कहीं और ले लीजिए।

31 जनवरी को ईडी ने किया था गिरफ्तार
हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। इससे पहले ईडी ने उनसे लंबी पूछताछ की थी। गिरफ्तारी से पहले सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सोरेन पर रांची में 8.86 एकड़ जमीन अवैध तरीके से हासिल करने का आरोप है। 

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