NDLS Stampede: रेलवे स्टेशन में भगदड़ पर लालू प्रसाद यादव का विवादित बयान, बोले- 'फालतू है कुंभ'

NDLS Stampede: रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे की मुख्य वजह अचानक की गई प्लेटफॉर्म बदलाव की घोषणा थी, जिसके बाद अफरा-तफरी मच गई।

By :  Desk
Updated On 2025-02-16 15:39:00 IST
Lalu Yadav on Delhi stampede

NDLS Stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात को भगदड़ में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद पूर्व रेल मंत्री और RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने रेलवे प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे कुप्रबंधन का नतीजा बताया। उन्होंने महाकुंभ को भी "फालतू" करार दे दिया।

इंडियन रेलवे पर लालू ने साधा निशाना
लालू यादव ने जानलेवा भगदड़ पर कहा, "यह एक बेहद दर्दनाक घटना है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। यह हादसा रेलवे की लापरवाही और अव्यवस्थित भीड़ प्रबंधन के कारण हुआ है। रेल मंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।" जब पत्रकारों ने उनसे महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा, "कुंभ का कोई मतलब नहीं है, फालतू है कुंभ।"



कैसे मची स्टेशन पर भगदड़?
शनिवार रात 10 बजे के करीब हजारों श्रद्धालु प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में सवार होने के लिए रेलवे स्टेशन पर पहुंचे। भीड़ बढ़ने के कारण हालात बेकाबू हो गए। प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर खड़ी प्रयागराज एक्सप्रेस के कारण पहले से ही भारी भीड़ थी, वहीं स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी की लेट होने की वजह से प्लेटफॉर्म 12, 13 और 14 पर अफरा-तफरी मच गई।

अचानक प्लेटफॉर्म बदला, मच गई अफरा-तफरी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ की मुख्य वजह अचानक की गई प्लेटफॉर्म बदलाव की घोषणा थी। एक चश्मदीद ने बताया, "घोषणा हुई कि प्लेटफॉर्म 12 पर आने वाली ट्रेन अब प्लेटफॉर्म 16 पर आएगी। इस खबर से यात्री घबरा गए और दोनों तरफ से भागने लगे, जिससे भगदड़ मच गई।" दूसरे चश्मदीद ने कहा, "इतनी भीड़ मैंने कभी नहीं देखी, त्योहारों में भी नहीं। अधिकारी मौजूद थे, लेकिन जब भीड़ बेकाबू हो गई, तो उसे संभाल पाना मुश्किल हो गया।"

भारी भीड़ और टिकटों की बुकिंग ने बढ़ाई मुश्किलें
रेलवे सूत्रों के अनुसार, करीब 1,500 सामान्य टिकटों की बिक्री के कारण स्टेशन पर पहले से ही भीड़ ज्यादा थी। इसके अलावा, ट्रेनों के देरी से चलने ने हालात को और बिगाड़ दिया। NDRF और रेलवे प्रशासन ने स्थिति संभालने की कोशिश की, लेकिन जब तक भीड़ नियंत्रण में आती, तब तक 18 लोगों की जान जा चुकी थी और कई अन्य घायल हो चुके थे।

(मंजू कुमारी)

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