जगन्नाथ मंदिर: 46 साल बाद खुला रत्न भंडार, नहीं मिले पहरेदारी करने वाले सांप; SP हुए बेहोश, जानिए किस हाल में है खजाना

जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 46 साल बाद रविवार को खोला गया। अबकी पहरेदारी में करने वाले नागराज नहीं मिले। रत्नों की डिजिटल लिस्टिंग की जारही है। सुरक्षा के लिए QRT और रैपिड एक्शन फोर्स तैनात।

Updated On 2024-07-15 15:33:00 IST
Ratna Bhandar in Puri

Ratna Bhandar in Puri: ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार रविवार, 14 जुलाई को खोला गया। इस दौरान सरकार के प्रतिनिधि, ASI के अधिकारी, श्री गजपति महाराज के प्रतिनिधि और चार सेवादारों समेत 11 लोग मौजूद थे। पुरी मंदिर के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने बताया कि बाहरी रत्न भंडार का सामान लकड़ी के छह संदूकों में शिफ्ट करके सील कर दिया गया, जबकि इनर रत्न भंडार का सामान शिफ्ट नहीं हो सका। यह काम बहुडा यात्रा और सुना वेशा के बाद किया जाएगा। 

भंडार गृह के दोनों हिस्से में लगाए गए नए ताले  (Security Arrangements in Jagannath Temple)
कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस रथ के मुताबिक, रत्न भंडार के दोनों हिस्सों में नए ताले लगा दिए गए हैं। कीमती सामानों की डिजिटल लिस्टिंग की जाएगी, जिसमें उनके वजन और निर्माण जैसी जानकारी होगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सुपरिंटेंडेंट डीबी गडनायक ने कहा कि मरम्मत के लिए रत्न भंडार का सर्वे होगा। इस दौरान SP पिनाक मिश्रा बेहोश हो गए।  जिसके बाद मंदिर परिसर में ही उनका इलाज किया गया।

पिछले 46 सालों में पहली बार खोला गया भंडार गृह (Jagannath Temple Treasure)
रत्न भंडार आखिरी बार 1978 में खोला गया था। 2018 में हाईकोर्ट के निर्देश पर इसे खोलने की कोशिश की गई थी, लेकिन असली चाबियां नहीं मिलीं। भारतीय जनता पार्टी ने इसे अपने चुनावी मेनिफेस्टो में भी शामिल किया था और सरकार बनते ही इस मुद्दे को पूरा किया। मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी के अनुसार, पूरी प्रक्रिया के लिए तीन SOPs बनाई गईं।

आंतरिक भंडार की चाबी नहीं मिली (Ratna Bhandar Keys Missing)
जस्टिस रथ ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पुरी जिला कलेक्टर की ओर से कई चाबियां दी गई थीं। हालांकि इन चाबियों मंदिर के आंतरिक भंडार का एक भी ताला नहीं खोला जा सका। ऐसे में टीम को ताले को काटकर भंडार गृह के अंदर  जाना पड़ा। टीम के लोग पांच घंटे तक वहां रहे।  बाहरी भंडार का सामान शिफ्ट करने के बाद आंतरिक भंडार का ताला तोड़ा गया। समय की कमी के कारण नए ताले लगाकर भंडार को दोबारा सील कर दिया गया है।

रत्न भंडार में सांप नहीं मिले (Snakes in Ratna Bhandar)
पहले ऐसी अफवाही थी कि रत्न भंडार की पहरेदारी सांप करते हैं। लेकिन इस बार जब रत्न भंडार खोला गया तो वहां कोई सांप नहीं मिला। हालांकि, टीम ने एहतियात बरतते हुए सांप पकड़ने वालों की दो टीमें बुलाईं  थीं, एक अंदर गई थी और दूसरी बाहर तैनात थी। मंदिर के एक सेवादार के मुताबिक, रत्न भंडार के गहनों में पानी मिला है। गहनों को पानी से निकालकर उनकी सफाई की गई। इसके बाद गहनों को साफ सुथरे लकड़ी के संदूक में डालकर लिस्टिंग के लिए ले जाया गया।

सुरक्षा व्यवस्था और गिनती की प्रक्रिया  (Counting Process in Jagannath Temple]
ओडिशा की डिप्टी CM प्रवती परिदा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि हमें वहां मौजूद रहना है। इसलिए मंदिर के बाहर किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए QRT और रैपिड एक्शन फोर्स तैनात की गई थी। 2018 में रत्न भंडार की चाबी गुम हो गई थी, जिसके कारण उसे खोला नहीं जा सका था।

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