Ranjith Srinivasan Murder Case: पीएफआई के 15 सदस्यों को मौत की सजा, मां और पत्नी के सामने गला रेतकर की थी भाजपा नेता की हत्या

Ranjith Srinivasan murder case: मामले की गंभीरता को देखते हुए जिले में सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम कड़े किए गए हैं। अदालत के आसपास पुलिस तैनात की गई है। आरोपियों को भारी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया। अभियोजन पक्ष ने हत्याकांड को जघन्य बताते हुए अदालत से दोषियों को अधिकतम सजा देने की अपील की थी। 

Updated On 2024-01-30 13:14:00 IST
Ranjith Srinivasan murder case

Ranjith Srinivasan murder case: केरल में भाजपा नेता रंजीत श्रीनिवासन हत्याकांड में मावेलिक्करा अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने मंगलवार को तीन साल बाद फैसला सुनाया। अदालत ने इस हत्याकांड में दोषी पाए गए 15 दोषियों को मौत की सुनाई है। सभी दोषी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े हुए हैं। अदालत ने सभी को शनिवार को दोषी करार दिया था।

हत्या में सीधे तौर पर शामिल थे 8 लोग
यह अहम फैसला मावेलिक्करा कोर्ट की जज वीजी श्रीदेवी ने दिया। फैसले के अनुसार, दोषियों में नवाज, अनूप, सफरुद्दीन, मुनशाद, मुहम्मद असलम, सलाम पोन्नद, शमीर, नसीर, जाकिर हुसैन, जसीब राजा, शाजी पूवाथिंकल, शेरनाज अशरफ, निज़ाम, अजमल और अब्दुल कलाम को फांसी की सजा दी गई। इनमें से 8 भाजपा नेता रंजीत के घर में घुसकर हत्या में सीधे तौर पर शामिल थे। जबकि अन्य आरोपियों पर हत्या की साजिश रचने का आरोप पाया गया। अदालत ने घोषणा की कि सभी आरोपी मौत की सजा के पात्र हैं।

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिले में सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम कड़े किए गए हैं। अदालत के आसपास पुलिस तैनात की गई है। आरोपियों को भारी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया। अभियोजन पक्ष ने हत्याकांड को जघन्य बताते हुए अदालत से दोषियों को अधिकतम सजा देने की अपील की थी। 

15 PFI SDPI terrorists

पत्नी और मां के सामने श्रीनिवासन की हुई थी हत्या
रंजीत श्रीनिवासन केरल में भाजपा के ओबीसी मोर्चा के सचिव थे। पेशे से वकालत भी करते थे। 19 दिसंबर, 2021 को अलाप्पुझा नगर पालिका के वेल्लाकिनार स्थित घर रंजीत श्रीनिवासन की पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी। श्रीनिवासन को उनकी मां और पत्नी की आंखों की सामने मारा गया था। अधिकारियों के मुताबिक, श्रीनिवासन की हत्या एसडीपीआई के राज्य सचिव केएस की हत्या का बदला लेने के लिए की गई जवाबी कार्रवाई थी। 

मामले में अभियोजन पक्ष के 156 गवाहों ने अदालत में अपना बयान दर्ज कराया था। अभियोजन पक्ष ने अदालत में लगभग 1,000 दस्तावेज और 100 साक्ष्य जमा किए थे। 

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