'CAA भाजपा की एक Ludo चाल': ममता बनर्जी बोलीं- नागरिकता कानून का NRC से कनेक्शन, अब लोगों को डिटेंशन सेंटर में डाला जाएगा

Mamata Banerjee Accuses Modi Government: केंद्र सरकार ने सोमवार शाम नागरिकता संशोधन अधिनियम के लिए एक अधिसूचना जारी की। जिसके तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर-मुस्लिम प्रवासियों भारतीय नागरिकता मिल सकती है।

Updated On 2024-03-12 14:55:00 IST
Mamta Banerjee serious allegations on BSF

Mamata Banerjee Accuses Modi Government: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को देश में लागू किए जाने को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर अशांति पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कल की घोषणा एक लूडो चाल है। बंगाल के हाबरा में तृणमूल प्रमुख ने नागरिकता अधिकार छीनने की साजिश का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें कानून की वैधता पर संदेह है। उन्होंने कहा कि सीएए में कोई स्पष्टता नहीं है। यह एक भ्रामक अभियान है।

ममता बनर्जी ने कहा कि जिन लोगों को नागरिकता नहीं मिलेगी उनकी संपत्ति का क्या होगा? यह बीजेपी का लूडो का खेल है।

अब एनआरसी पर होगा काम
ममता बनर्जी ने कहा कि सीएए के बाद राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) पर काम किया जाएगा। एनआरसी भारतीय नागरिकों का एक रिकॉर्ड है, जिसे अभी तक केवल असम में लागू किया गया है। 2019 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि एनआरसी अभी लागू नहीं होगा। 

ममता बनर्जी ने कहा कि याद रखिए सीएए एनआरसी से जुड़ा हुआ है। लोगों को डिटेंशन कैंप में ले जाया जाएगा। मैं बंगाल में ऐसा नहीं होने दूंगा। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या आपने कभी धर्म के आधार पर नागरिकता के बारे में सुना है? तृणमूल प्रमुख ने नए कानून को बंगाल को विभाजित करने का एक और खेल बताया। उन्होंने कहा कि हम ऐसा नहीं होने देंगे। हम सभी नागरिक हैं।

क्या है सीएए, किसे मिलेगी नागरिकता?
केंद्र सरकार ने सोमवार शाम नागरिकता संशोधन अधिनियम के लिए एक अधिसूचना जारी की। जिसके तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर-मुस्लिम प्रवासियों भारतीय नागरिकता मिल सकती है। इन देशों के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदायों के व्यक्ति, जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश किया था, कानून के तहत नागरिकता मांग सकते हैं।

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