बिहार के पूर्व सीएम को सम्मान: कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत मिलेगा भारत रत्न, बेटे ने कहा-36 साल की तपस्या का फल मिला

Karpoori Thakur Bharat Ratna: केंद्र सरकार ने मंगलवार को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की। इस घोषणा पर कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर ने केंद्र को धन्यवाद दिया है।

Updated On 2024-01-23 21:01:00 IST
Karpoori Thakur Bharat Ratna

Karpoori Thakur Bharat Ratna: केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। बता दें कि बुधवार को कर्पूरी ठाकुर की सौंवी जन्म जयंती है। कर्पूरी ठाकुर की जन्म शताब्दी की पूर्व संध्या पर यह अहम घोषणा की गई है। जनता दल यूनाइटेड ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया है। जेडीयू ने केंद्र सरकार से कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग की थी। 

पूर्व सीएम के बेटे ने केंद्र को दिया धन्यवाद
कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर ने केंद्र सरकार द्वारा अपने पिता को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर खुशी जाहिर की है। रामनाथ ठाकुर ने कहा है  कि मेरे पिता को भारत रत्न मिलना हमारी 36 सााल की तस्पया का फल है। मैं बिहार के लोगों और अपने परिवार की ओर से केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूं। 

राष्ट्रपति भवन की ओर से मंगलवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की गई।

दो बार रहे बिहार के मुख्यमंत्री
कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को  बिहार समस्तीपुर जिल के पिपरी गांव में हुआ था। कर्पूरी ठाकुर दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। मुख्यमंत्री के तौर पर उनका पहला कार्यकाल दिसम्बर 1970 से जून 1971 तक रहा था, जबकि उनका दूसरा मुख्यमंत्री कार्यकाल मार्च 1977 से अप्रैल 1977 तक रहा था। कपूर्री ठाकुर ने बिहार के नॉन-कन्सेक्यूटिव सीएम के रूप में भी सेवाएं दी थी। नॉन-कन्सेक्यूटिव सीएम के तौर पर कर्पूरी ठाकुर का कार्यकाल मार्च 1977 से अप्रैल 1977 तक रहा था। 

ओबीसी को आरक्षण देने की शुरुआत की
बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर कर्पूरी ठाकुर ने सामाजिक और आर्थिक सुधारों के लिए कई अहम फैसले लिए। कर्पूरी ठाकुर ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण शुरू किया। ठाकुर ने किसानों को किफायती कीमत पर बीज उपलब्ध कराने, ऋण राहत कार्यक्रम शुरू करने और गरीब परिवारों के लिए आर्थिक सहायता योजना शुरू की। मुंगेरी लाल आयोग की सिफारिशें लागू करवाई। खेतों पर मालगुजारी खत्म किया। अपने इन फैसलों से वह बिहार में काफी लोकप्रिय हो गए। 

शिक्षा के सुधार के लिए उठाए अहम कदम
बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए भी कर्पूरी ठाकुर ने कई अहम कदम उठाए। ठाकुर ने स्थानीय भाषा में बच्चों की पढ़ाई को प्रोत्साहित किया। बिहार के उप मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा में अंग्रेजी में पास होने की अनिवार्यता खत्म कर दी थी। मंत्री रहने के दौरान उन्होंने आठवीं तक की पढ़ाई के लिए फीस माफ कर दी। उर्दू को बिहार की दूसरी राजभाषा का दर्जा दिया। 

बिहार में पहली बार शराबबंदी लागू कराया
कर्पूरी ठाकुर को बिहार में पहली बार शराबबंदी लागू करने के लिए भी जाना जाता है। कर्पूरी ठाकुर ने आजादी के आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। आचार्य नरेंद्र देव के साथ जुड़कर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया। आगे चलकर 1942 में महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन में शामिल हुए और जेल भी गए। जब वह जेल से बाहर निकले तो समाजवादी आंदोलन में शामिल हुए। उन्होंने सामाजिक भेदभाव और पिछड़े और वंचित वर्ग को समानता का अधिकार देने की मुहिम शुरू की। इस दौरान वह जयप्रकाश नारायण से भी जुड़े। 

Tags:    

Similar News