Kanhaiya Kumar Vs Manoj Tiwari: दिल्ली में मनोज तिवारी Vs कन्हैया कुमार मुकाबला अहम क्यों? क्या कांग्रेस ने खेला मास्टरस्ट्रोक?

Kanhaiya Kumar Vs Manoj Tiwari: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके कन्हैया कुमार (37) 25 मई को राजधानी में होने वाले मतदान के दौरान उत्तर पूर्वी दिल्ली से भोजपुरी अभिनेता-गायक और मौजूदा भाजपा सांसद मनोज तिवारी से मुकाबला करेंगे।

Updated On 2024-04-15 08:03:00 IST
Kanhaiya Kumar Vs Manoj Tiwari

Kanhaiya Kumar Vs Manoj Tiwari: लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने रविवार को 10 उम्मीदवारों की नई सूची जारी की। इस लिस्ट में सबसे खास नाम कन्हैया कुमार का है। कन्हैया को पार्टी ने उत्तर पूर्वी दिल्ली से उतरा है। पार्टी ने भाजपा सांसद मनोज तिवारी के खिलाफ कन्हैया को उतारकर लड़ाई को दिलचस्प कर दिया। इस तरह कन्हैया कुमार, जो जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र राजनीति करने के बाद बिहार में सक्रिय राजनीति कर रहे थे, उनकी अब राजधानी दिल्ली में एक बार फिर वापसी हो गई है। 

2019 के लोकसभा चुनाव में कन्हैया कुमार ने बिहार के बेगुसराय में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता गिरिराज सिंह से हार गए थे। बाद में 2021 में उन्होंने कांग्रेस का हाथ पकड़ लिया। वहीं, 2014 के लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराने के बाद मनोज तिवारी उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से भाजपा के दो बार सांसद हैं।

ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि कांग्रेस के इस दांव के पीछे आखिरकार क्या रणनीति है? उन्हें उत्तर पूर्वी दिल्ली से ही क्यों टिकट दिया गया? तो चलिए समझते हैं...

पूर्वांचली वोटर्स को साधना उद्देश्य
उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश से सटी है। साथ ही यहां बिहार और हरियाणा से आए बड़ी संख्या में लोग रहते हैं। इस सीट पर पूर्वांचल के वोटर्स निर्णायक भूमिका में है। इसी वजह से भाजपा ने यहां से मनोज तिवारी को टिकट दिया था। वे खुद यूपी के पूर्वांचल से आते हैं। मनोज तिवारी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में शानदार जीत इस सीट पर हासिल की है। 

Manoj Tiwari

दो स्टार की होगी रोचक जंग
मनोज तिवारी की अपने उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर अच्छी पकड़ है। वे बतौर नेता से ज्यादा भोजपुरी अभिनेता और सिंगर के तौर पर ज्यादा मशहूर हैं। वहीं, कन्हैया कुमार की छवि बिलकुल अलग है। वे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष बने तो रातों रात पूरे देश में मशहूर हुए। युवाओं में उनकी अलग छाप है। इस समय वह एनएसयूआई के एआईसीसी इंचार्ज हैं। 

ध्रुवीकरण के लिहाज से सीट अहम
2020 में जब दिल्ली में दंगे हुए तो उसकी चिंगारी भी उत्तर पूर्व से उठी थी। इसी क्षेत्र में सीलमपुर, मुस्तफाबाद, बाबरपुर, कारगिल जैसे इलाके हैं, जहां बड़ी संख्या में मुस्लिमों की आबादी है। INDIA गठबंधन मुस्लिमों को लुभाने के लिए हर कोशिश कर रहा है। ऐसे में कन्हैया कुमार के चलते मुस्लिमों के वोटों का ध्रुवीकरण हो सकता है।

राहुल गांधी के खास बनाम मोदी का सिपाही
कन्हैया कुमार, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में काफी एक्टिव नजर आए। कन्हैया कुमार ने बतौर लेफ्टिस्ट बिहार में चुनाव लड़ा था। लेकिन वे अब राहुल गांधी के खास हैं। वहीं, मनोज तिवारी इकलौते ऐसे सांसद हैं, जिन्हें भाजपा ने लगातार तीसरी बार टिकट दिया है। बाकी सभी मौजूदा सांसदों का टिकट काटा है। मनोज तिवारी खुद को पीएम मोदी का सिपाही कहते हैं। 

क्या उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से निकलेगा भविष्य?
इस सीट पर नतीजे चाहें कन्हैया कुमार के पक्ष में आए या मनोज कुमार के पक्ष में, दोनों में दिल्ली की राजनीति को दिशा देने की नेतृत्व क्षमता मौजूद है। आम आदमी पार्टी का टाइम खराब है। पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल जेल में हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जो भी यहां से जीतेगा उसे पार्टी भविष्य में दिल्ली का नेता प्रोजेक्ट कर सकती है।  

Kanhaiya Kumar

इन सीटों पर भी कांग्रेस ने उतारे उम्मीदवार
कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता जय प्रकाश अग्रवाल को चांदनी चौक से मैदान में उतारा है। अग्रवाल कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के सचिव प्रवीण खंडेलवाल से मुकाबला करेंगे, जो दो बार के सांसद और पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन की जगह भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, उत्तर पश्चिम दिल्ली में उदित राज को टिकट दिया गया है। भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद हंस राज हंस की जगह इस सीट से योगेन्द्र चंदोलिया को मैदान में उतारा है।

पंजाब में गुरजीत सिंह औजला अमृतसर से भाजपा उम्मीदवार और अमेरिका में पूर्व राजदूत तरणजीत सिंह संधू के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नई को जालंधर सुरक्षित सीट से मैदान में उतारा गया है। कांग्रेस ने अमृतसर से गुरजीत सिंह औजला, फतेहगढ़ साहिब से अमर सिंह, बठिंडा से जीत मोहिंदर सिंह सिद्धू, संगरूर से सुखपाल सिंह खैरा और पटियाला से धर्मवीर गांधी की उम्मीदवारी की भी घोषणा की।

उत्तर प्रदेश में पार्टी ने उज्जवल रेवती रमण सिंह को इलाहाबाद लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किया है।

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