राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से झटका: मानहानि मामले में याचिका खारिज, अब निचली अदालत में चलेगा मामला

Rahul Gandhi Defamation Case: झारखंड हाई कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर करते नवीन झा ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने तत्कालीन बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

Updated On 2024-02-23 16:00:00 IST
HC ने गुरुवार को राहुल गांधी को प्रधानमंत्री मोदी के लिए जेबकतरा शब्द का इस्तेमाल करने वाली टिप्पणी पर कड़ी फटकार लगाई।

Rahul Gandhi Defamation Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। 2018 में गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के मामले में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए राहुल गांधी की याचिका को खारिज कर दिया। अब इस मामले में राहुल के खिलाफ निचली कोर्ट में ट्रायल चलेगा। एमपी/एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को समन जारी किया था। इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। पिछली सुनवाई में अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

राहुल गांधी ने 2018 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। बीजेपी नेता नवीन झा ने इस मामले की शिकायत की थी। झारखंड हाई कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर करते नवीन झा ने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने तत्कालीन बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। मामला चाईबासा में 2018 कांग्रेस सत्र के दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा दिए गए चुनावी भाषण से संबंधित है।

16 फरवरी को राहुल गांधी का लिखित पक्ष कोर्ट में पेश किया गया था। जिसके बाद जस्टिस अंबुजनाथ की बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

यूपी में सुल्तानपुर कोर्ट ने दी जमानत
राहुल गांधी ने कर्नाटक चुनाव के दौरान 2018 में 8 मई को बेंगलुरु में एक संवाददाता सम्मेलन में शाह के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। 4 अगस्त, 2018 को यूपी में सुल्तानपुर के भाजपा नेता विजय मिश्रा राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि केस दायर किया। सुल्तानपुर की एक विशेष अदालत ने गांधी को 20 फरवरी को जमानत दे दी थी। 

मानहानि मामले में ही हुई थी सजा
मोदी सरनेम मामले में सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था। बंगला भी छिन गया था। हालांकि मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो उनकी सजा पर रोक लगा दी है। इसके बाद उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल हुई थी। 

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