LAC Patrolling: पूर्वी लद्दाख के देपसांग में भारतीय सेना की गश्त शुरू, चीनी सैनिकों के LAC से पीछे हटने पर सुधरे हालात

LAC Patrolling: भारतीय और चीनी सैनिकों ने सीमा पर तनाव कम होने के बाद पिछले हफ्ते दिवाली के मौके पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कई बॉर्डर प्वाइंट्स पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया था।

Updated On 2024-11-05 13:15:00 IST
Indian Army Patrolling in Demchok

LAC Patrolling: भारतीय सेना ने लद्दाख में भारत-चीन सीमा (LAC) पर गश्त की शुरुआत कर दी है। सोमवार को इंडियन आर्मी की टुकड़ी पूर्वी लद्दाख के देपसांग इलाके में सफलतापूर्वक एक अहम पेट्रोलिंग प्वाइंट पर पहुंची। हालांकि यह साफ नहीं हो पाया कि पेट्रोलिंग पार्टी किस प्वाइंट तक गई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि डेमचोक और देपसांग में आपसी सहमति के आधार पर वेरिफिकेशन पेट्रोलिंग शुरू हो चुकी है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त बहाल होना भारत-चीन सीमा पर तनाव कम होने का संकेत है।

भारत-चीन में सैनिकों की वापसी पर बनी थी सहमति
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिवाली के अवसर पर लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के कई बॉर्डर पोस्ट्स पर भारतीय और चीनी सैनिकों ने मिठाइयों का आदान-प्रदान किया, जो शांति और सद्भाव का प्रतीक माना जा रहा है। भारतीय सेना की देपसांग क्षेत्र में पेट्रोलिंग पिछले दिनों दोनों देशों के बीच समझौते के बाद की गई। भारत और चीन ने देपसांग और डेमचोक रीजन में सैनिकों की वापसी और गश्त बहाल करने पर सहमति जताई है। 

भारतीय सेना ने X पोस्ट कर गश्त की जानकारी दी
शुक्रवार को डेमचोक में वेरिफिकेशन गश्त की शुरुआत हुई, जिसमें भारतीय सेना ने समझौते की शर्तें सुनिश्चित करने के लिए निगरानी गश्त की। लेह स्थित फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स (Indian Army) ने X पर पोस्ट किया- "भारतीय और चीनी पक्षों के बीच सहमति के बाद देपसांग में एक पेट्रोलिंग प्वाइंट पर सफलतापूर्वक गश्त की गई। यह एलएसी पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।"

गलवान घाटी में झड़प के बाद से बंद थी LAC गश्त 
सूत्रों का कहना है कि इस प्रयास का उद्देश्य अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को बहाल करना है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 21 अक्टूबर को कहा था कि यह समझौता कई हफ्ते की बातचीत का नतीजा है और 2020 से जारी विवादों को सुलझाने की दिशा में एक अहम कदम है। इस समझौते से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर जारी गतिरोध को कम करने में मदद मिलेगी, जो जून 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से भारत-चीन संबंधों पर गहरा असर डाल रहा था।

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