भारत ने यूरोपीय देशों से किया समझौता: बढ़ेगी व्यापारिक साझेदारी, केंद्रीय मंत्री गोयल बोले-बढ़ेंगे रोजगार के मौके 

India agreement with European Free Trade Association: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, टीईपीए महत्वाकांक्षी व्यापार समझौता है। पहली बार 100 बिलियन डॉलर के निवेश और 1 मिलियन प्रत्यक्ष रोजगार की बाध्यकारी प्रतिबद्धता की गई है।

Updated On 2024-03-10 20:11:00 IST
India agreement with European Free Trade Association in Delhi

India agreement with European Free Trade Association: भारत-यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन ने 10 मार्च 2024 को व्यापार और आर्थिक साझीदारी समझौता (टीईपीए ) पर हस्ताक्षर किए। इससे स्विट्जरलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और लिकटेंस्टीन के साथ व्यापारिक और आर्थिक साझीदारी बढ़ेगी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ईएफटीए देशों से समझौते को मंजूरी दी है।  

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि टीईपीए महत्वाकांक्षी व्यापार समझौता है। एफटीए के इतिहास में पहली बार 100 बिलियन डॉलर के निवेश और 1 मिलियन प्रत्यक्ष रोजगार की बाध्यकारी प्रतिबद्धता की गई है। यह समझौता मेक इन इंडिया को बढ़ावा और युवाओं रोजकार के मौका देगा। यह एफटीए बड़े यूरोपीय तथा वैश्विक बाजारों तक भारतीय निर्यातकों को पहुंच प्रदान करेगा। 

समझौते में 14 प्रमुख बिंदु शामिल किए गए हैं। मुख्य फोकस वस्तुओं से संबंधित बाजार पहुंच, उद्भव के नियमों, व्यापार सुगमीकरण, व्यापार उपचारों, स्वच्छता एवं पादप स्वच्छता उपायों, व्यापार से संबंधित तकनीकी बाधाओं, निवेश संवर्धन, सेवाओं पर बाजार पहुंच, बौद्धिक संपदा अधिकारों, व्यापार एवं सतत विकास तथा अन्य संबंधित कानूनी प्रावधानों पर है।

 ईएफटीए समझौते की मुख्य विशेषताएं  

  • ईएफटीए ने 15 वर्ष में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के स्टॉक को 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने और ऐसे निवेशों माध्यम से 1 मिलियन प्रत्यक्ष रोजगार के सृजन व निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई है। निवेश विदेशी पोर्टफोलियो निवेश को कवर नहीं करता है।
  • एफटीए के इतिहास में पहली बार लक्ष्य-उन्मुख निवेश को बढ़ावा देने और रोजगारों के सृजन के बारे में कानूनी प्रतिबद्धता जताई जा रही है।
  • भारत 82.7 प्रतिशत टैरिफ लाइनों की पेशकश कर रहा है जिसमें 95.3 प्रतिशत ईएफटीए निर्यात शामिल है जिसमें से 80 प्रतिशत से अधिक आयात सोना है। सोने पर प्रभावी शुल्क अछूता रहा है। ऑफर बढ़ाते समय फार्मा, चिकित्सा उपकरणों और प्रसंस्कृत खाद्य आदि क्षेत्रों में पीएलआई से संबंधित संवेदनशीलता को ध्यान में रखा गया है। डेयरी, सोया, कोयला व संवेदनशील कृषि उत्पाद को बहिष्करण सूची में रखा है।
  • भारत ने ईएफटीए को 105 उप-क्षेत्रों की पेशकश की है और स्विट्जरलैंड से 128, नॉर्वे से 114, लिकटेंस्टीन से 107 और आइसलैंड से 110 उप-क्षेत्रों में प्रतिबद्धताएं हासिल की हैं।
  • टीईपीए भारत की ताकत आईटी, व्यावसायिक, व्यक्तिगत, सांस्कृतिक, खेल, मनोरंजक, शिक्षा और ऑडियो-विजुअल सेवाओं के निर्यात को प्रोत्साहित करेगा।
  • TEPA में नर्सिंग, चार्टर्ड अकाउंटेंट, आर्किटेक्ट जैसी सेवाओं में पारस्परिक मान्यता समझौतों के प्रावधान हैं।
  • जेनेरिक दवाओं में भारतीय हितों और पेटेंट की एवरग्रीनिंग की प्रक्रिया में शामिल पेटेंट कानून और इंटरनेशनल व्यापार कानून के विशिष्ट पहलू से संबंधित चिंताओं को रेखांकित किया गया है।
  • TEPA भारतीय निर्यातकों की विशेष इनपुट तक पहुंच सशक्त बनाएगा। अनुकूल व्यापार और निवेश माहौल तैयार करेगा। साथ ही भारत निर्मित वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देगा। 
  • TEPA यूरोपीय संघ के बाजारों में एकीकृत होने का अवसर देता है। स्विट्ज़रलैंड का 40 प्रतिशत से अधिक वैश्विक सेवा निर्यात यूरोपीय संघ को होता है। भारतीय कंपनियां यूरोपीय बाजार में पहुंच बढ़ाने स्विट्जरलैंड को आधार के रूप में देख सकती हैं।
  • टीईपीए बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी, विनिर्माण, मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण, परिवहन, लॉजिस्ट्क्सि, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं और बीमा क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित कर आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देगा।
  • टीईपीए अगले 15 वर्ष में व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराकर रोजगार सृजन में तेजी लाएगा। सटीक इंजीनियरिंग, स्वास्थ्य विज्ञान, नवीकरणीय ऊर्जा, नवोन्मेषण और अनुसंधान एवं विकास में प्रौद्योगिकी सहयोग और विश्व की अग्रणी तकनीक की सुविधा देता है।

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