सावधान: नागपंचमी पर सांपों को दूध पिलाया तो होगी एफआइआर, जानें कैसे करें नाग देवता की पूजा

Nagpanchami 2024: एमपी सरकार ने सांपों की मौत पर रोक लगाने बड़ा कदम उठाया है। नागपंचमी पर अगर सांपों को दूध पिलाया तो आप पर एफआईआई दर्ज होगी। जानिए इस बार नागपंचमी पर कैसे नागदेवता की पूजा करें।

Updated On 2024-08-03 21:44:00 IST
Nagpanchami 2024

Nagpanchami 2024: मध्यप्रदेशवासी सावधान हो जाएं। नागपंचमी पर अगर सांपों को दूध पिलाया तो आप पर एफआईआई दर्ज हो सकती है। जी हां...। एमपी सरकार ने इस बार बड़ा कदम उठाया है। सपेरों और सांपों को दूध पिलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। क्योंकि नागपंचमी पर गलत तरीके से पूजा करने से कई सांपों की मौत हो जाती है। सांपों की मौत पर रोक लगाने के लिए 'एमपी सरकार' ने नई पहल शुरू की है। जानिए इस बार नागपंचमी पर कैसे पूजा करनी है?

इस बार ऐसे करें पूजा 
9 अगस्त को इस बार नागपंचमी है। इस बार राज्य में प्रतीकात्मक रूप से नाग देवता की पूजा की जाएगी। इसके लिए वन विभाग 9 अगस्त अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करेगा। जिला प्रशासन ने मंदिर के पुजारियों, जीव प्रेमियों और अन्य संस्थानों के लोगों को एक साथ बुलाकर सलाह देने की मुहिम शुरू की है। अभियान के तहत आने वाली नागपंचमी को प्रतीकात्मक रूप से नाग देवता की पूजन की अपील की जाएगी। लोग मंदिरों और घरों में मूर्ति की पूजा करके ईको सिस्टम में महत्वपूर्ण इन जीवों की रक्षा कर सकते हैं।

सपेरे जबरन सांपों को पिलवाते हैं दूध 
नागपंचमी पर अंधविश्वास के कारण सांपों को पकड़कर सपेरे घर-घर जाकर उनकी पूजन कराते हैं। सपेरे सांपों को दूध पीने के लिए मजबूर करते हैं। इससे कई बार नागों की मौत हो जाती है या फिर सांप बीमार हो जाते हैं। सांपों की मौत पर चिंता जताते हुए इस बार एमपी सरकार ने अनोखी पहल शुरू की है। वन विभाग के एक्सपर्ट का कहना है कि नाग देवता दूध नहीं पीते। सांपों की फूड डाइट में दूध नहीं है।

सांपों को दूध पिलाते दिखे तो कार्रवाई 
वन विभाग और जिला प्रशासन ने भोपाल सहित कई जिलों में कार्रवाई तेज कर दी है। पुजारियों और स्वयंसेवी अलग-अलग इलाके में जाकर लोगों से अपील कर रहे हैं। कह रहे हैं कि अगर कोई सपेरा या लोग सांपों को दूध पिलाने के लिए कह रहे हैं तो खिलाफ शिकायत दर्ज कराएं। वन विभाग सपेरों पर सख्त कार्रवाई करेगा। उन पर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। वन विभाग 9 अगस्त अभियान चलाएगा।

Similar News