Fali S Nariman Passes Away: इमरजेंसी से भोपाल गैस त्रासदी तक, जानें कैसा रहा फली एस नरीमन का करियर? पीएम मोदी ने जताया शोक

Fali S Nariman Passes Away: नरीमन ने नवंबर 1050 में बॉम्बे हाईकोर्ट से वकील के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। उन्होंने जनवरी 1991 में पद्म भूषण और 2007 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। 

Updated On 2024-02-21 12:52:00 IST
Fali S Nariman

Fali S Nariman Passes Away: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और देश के पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल फली एस नरीमन का बुधवार को निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। वे हार्ट सहित कई बीमारियों से पीड़ित थे। अपने सात दशकों के करियर में नरीमन इंदिरा गांधी सरकार के दौरान देश के एएसजी रहे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया। उन्होंने कहा कि श्री फली नरीमन जी सबसे उत्कृष्ट कानूनविद और बुद्धिजीवियों में से एक थे। उन्होंने अपना जीवन आम नागरिकों के लिए न्याय सुलभ करने के लिए समर्पित कर दिया। उनके निधन से मुझे दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ है। 

फली एस नरीमन को वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल ने भी याद किया। नरीमन ने नवंबर 1050 में बॉम्बे हाईकोर्ट से वकील के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। उन्होंने जनवरी 1991 में पद्म भूषण और 2007 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। 

जानिए कौन हैं वकील नरीमन?

  • 1929 में रंगून में जन्मे नरीमन ने शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से पढ़ाई की थी। फिर मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से कला से ग्रेजुएशन किया। उन्होंने मुंबई के ही गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की।
  • बार और बेंच को दिए एक साक्षात्कार में नरीमन ने कहा था कि कानून मेरे लिए आखिरी विकल्प था। मेरे पिता चाहते थे कि मैं भारतीय सिविल सेवा परीक्षा दूं, लेकिन मुझे पता था कि ऐसा नहीं कर सकता। मैंने बी.ए. सेकंड डिवीजन में पास किया था। मुझे विज्ञान या गणित की समझ नहीं थी। 
  • उन्होंने 1950 में एक वकील के रूप में बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की थी। उनकी असाधारण विशेषज्ञता ने उन्हें 1961 में वरिष्ठ वकील बना दिया। वह 1971 में वरिष्ठ वकील के रूप में सर्वोच्च न्यायालय में चले गए। उन्होंने 1972 से 1975 तक भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्य किया। तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल का विरोध करने के लिए पद छोड़ दिया।
  • वह 1984 की भोपाल गैस त्रासदी मामले में पैरवी की थी। त्रासदी में 3,800 लोग मारे गए थे और लाखों लोग प्रभावित हुए थे। नरीमन यूनियन कार्बाइड की ओर से अदालत में थे। बाद में उन्होंने एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने फैसले पर खेद व्यक्त किया था।
  • नरीमन को पद्म भूषण और पद्म विभूषण और न्याय के लिए ग्रुबर पुरस्कार सहित कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। वह 1999 और 2005 के बीच राज्यसभा के मनोनीत सदस्य थे और कई कानूनी पैनलों में कार्यरत थे।
  • नरीमन के परिवार में उनके बेटे सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश रोहिंटन फली नरीमन, बेटी अनाहिता और बहू सनाया हैं। उनकी पत्नी बापसी नरीमन का 2020 में निधन हो गया था।

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