Delhi riots case: दिल्ली दंगा मामले में उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज, सितंबर 2020 से UAPA के तहत जेल में बंद

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने मंगलवार 28 मई को दिल्ली दंगों से जुड़े बड़े साजिश मामले में पूर्व जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी। उमर खालिद 2020 के दिल्ली दंगों से संबंधित यूएपीए (UAPA) मामले में आरोपी है।

Updated On 2024-05-28 17:08:00 IST
Delhi riots case

Delhi riots case:दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने मंगलवार 28 मई को दिल्ली दंगों से जुड़े बड़े साजिश मामले में पूर्व जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी। उमर खालिद 2020 के दिल्ली दंगों से संबंधित यूएपीए (UAPA) मामले में आरोपी हैं। उमर खालिद ने देरी और अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ समानता के आधार पर नियमित जमानत की मांग की थी। हालांकि, अदालत ने उनकी याचिका को अस्वीकार कर दिया, जिससे खालिद को फिलहाल जेल में ही रहना पड़ेगा।

यह उमर खालिद की दूसरी जमानत याचिका थी
उमर खालिद सितंबर 2020 से यूएपीए के तहत हिरासत में हैं। यह उमर खालिद की दूसरी जमानत याचिका थी। दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि खालिद ने 2020 में 23 जगहों पर पूर्व नियोजित विरोध प्रदर्शन किया, जो अंततः दंगों में बदल गया। खालिद ने इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ली थी। इसके बाद अन्य आरोपियों के साथ समानता के आधार पर ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। 

उमर खालिद के वकील त्रिदीप पेस ने क्या दलीलें दी?
उमर खालिद के वकील त्रिदीप पेस ने दिल्ली पुलिस की दलीलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि "क्या मैसेज शेयर करना एक आपराधिक या आतंकवादी गतिविधि है?" पेस ने खालिद के खिलाफ मीडिया ट्रायल का भी जिक्र किया। उमर के वकील ने कहा कि पुलिस के पास खालिद के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का कोई सबूत नहीं है। उमर के वकील ने तर्क दिया कि अन्य आरोपियों जैसे नताशा नरवाल, देवांगना कलिता और आसिफ इकबाल तन्हा को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है, इसलिए खालिद को भी जमानत मिलनी चाहिए।

दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद की जमानत का किया विरोध
दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि खालिद की चैट से मीडिया और सोशल मीडिया पर नैरेटिव बनाने की उनकी आदत का पता चला है। ऐसे में अगर उन्हें  जमानत मिली तो दिल्ली दंगे से जुड़े मामले की सुनवाई प्रभावित हो सकती है। पुलिस ने कहा कि खालिद एक खास रणनीति के तहत राजनीतिक शख्सियतों और अन्य लोगों के साथ सोशल मीडिया पर लिंक साझा कर रहे थे, एक नैरेटिव सेट कर रहे थे, इस वजह से दंगा भड़का।

अदालत ने किस आधार पर खारिज की उमर की जमानत याचिका?
अदालत ने उमर खालिद की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि मामले में खालिद की भूमिका और पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूतों को देखते हुए उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती। कोर्ट के इस फैसले के बाद उमर खालिद को हिरासत में रहना पड़ेगा और मामला अभी भी अदालत में लंबित है। बता दें कि दिल्ली में 23 फरवरी 2020 को दंगे भड़के थे। यह दंगा 25 फरवरी तक जारी रहा था। इसमें 51 लोगाें की मौत हुई थी और सैंकड़ों लोग घायल हो गए थे। 

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