रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का China से सवाल: अगर हम चीन के जगहों का नाम बदल दें, तो क्या वह भारत का हो जाएगा?

Defence Minister Rajnath Singh: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के नामसाई में रैली को संबोधित किया। मंच से रक्षा मंत्री ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कुछ जगहों का नाम बदलने पर आपत्ति जताई।

Updated On 2024-04-09 18:52:00 IST
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के नामसाई में रैली की।

Defence Minister Rajnath Singh on China: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के नामसाई में रैली को संबोधित किया। मंच से रक्षा मंत्री ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कुछ जगहों का नाम बदलने पर आपत्ति जताई। राजनाथ सिंह ने चीन से सवाल किया कि अगर भारत चीन के कुछ स्थानों का नाम बदल देता है, तो क्या वह भारत का हो जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार ने बुनियादी ढांचे का विकास किया है। इसके साथ-साथ सीमा पर स्थित गांवों के विकास के लिए  भी कदम उठाए हैं।

चीन को यह गलती नहीं करनी चाहिए
राजनाथ सिंह ने कहा कि यह हमारा घर है। हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश में तीन जगहों का 'नाम' बदलकर अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किया है। मैं अपने पड़ोसी देश को बताना चाहता हूं कि नाम बदलने से कुछ हासिल नहीं होगा। कल, अगर हम चीन के कुछ जगहों और राज्यों के नाम बदल देंगे तो क्या इससे चीन का वह हिस्सा हमारा हो जाएगा। चीन को यह गलती नहीं करनी चाहिए।

हम पड़ोसियों से अच्छे संबंध चाहते हैं
रक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि इस तरह के कदम से भारत और चीन के बीच संबंधों को नुकसान पहुंचेगा। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का कहना था कि कोई भी अपने दोस्त तो बदल सकता है, लेकिन पड़ोसी को नहीं। भारत सभी पड़ोसियों से अच्छे रिश्ते बनाए रखना चाहता है। लेकिन, अगर कोई हमारे स्वाभिमान को चोट पहुंचाने की कोशिश करेगा तो हम जवाबी कार्रवाई करना भी जानते हैं। 

राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर किया कटाक्ष 
कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र में बीजेपी सरकार आने से पहले जमीन का बड़ा हिस्सा दे दिया गया था। अब कोई भी भारत की जमीन नहीं ले सकता। मैं आपको इस बात का विश्वास दिलाता हूं। हमने कांग्रेस की गलतियों को ठीक किया है। सीमा पर बुनियादी ढांचे का विकास किया है। कांग्रेस सीमा के पास के गांवों को आखिरी गांव कहती थी। हालांकि हम इन्हें देश का पहला गांव कहते हैं।

हम गांवों का तेजी से कर रहे हैं विकास
हम गांवों का तेजी से विकास कर रहे हैं। हमारा मानना है कि जब तक सीमावर्ती गांवों का विकास नहीं होगा तब तक हम सीमाओं की उतनी रक्षा नहीं कर पाएंगे जितनी हम चाहते हैं। यह गांव ना केवल रणनीतिक तौर से अहम हैं बल्कि इनमें रहने वाले अरुणाचल  के लोग भी हमारी रणनीतिक संपत्ति हैं। यही कारण है कि हम सभी के मन में अरुणाचल के लोगों के लिए विशेष प्यार और सम्मान है। जब भी चीन के साथ युद्ध हुआ है उसमें अरुणाचल के लोगों द्वारा निभाई गई भूमिका कभी नहीं भूली जा सकती। 

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