अतुल कुमार अंजान का निधन: एक महीने से अस्पताल में थे भर्ती, लखनऊ यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष से वामपंथी के नेता तक, जानें सियासी सफर
Atul Kumar Anjaan Passed away: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के नेशनल सेक्रेटरी अतुल कुमार अंजान (Atul Kumar Anjaan) का शुक्रवार, 3 मई को निधन हो गया। 69 साल के अतुल अंजान पिछले एक महीने से लखनऊ के मेयो अस्पताल में एडवांस स्टेज के कैंसर से जूझ रहे थे।
Atul Kumar Anjaan Passed away: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के कद्दावर नेता अतुल कुमार अंजान का शुक्रवार, 3 मई को निधन हो गया। उनकी उम्र 61 साल थी। वह करीब एक महीने से लखनऊ के गोमतीनगर स्थित मेयो अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें कैंसर हो गया था, जो एडवांस स्टेज में था। अतुल अंजान वामपंथी राजनीति का एक बड़ा चेहरा थे। उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ के अध्यक्ष के रूप में 1977 में अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। इस समय वह अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव भी थे।
टीवी पर गरजने वाले अतुल अंजान लखनऊ के रहने वाले थे। उन्होंने अपनी शिक्षा लखनऊ विश्वविद्यालय से हासिल की थी। उन्होंने कम समय में ही अपनी भाषण कला से अलग मुकाम हासिल कर लिया था। राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने अतुल के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने अतुल को एक बहादुर और समर्पित लोक सेवक बताया।
श्री अतुल कुमार अंजान जी के निधन से मैं स्तब्ध हूँ। वो एक बहादुर और समर्पित लोक सेवक थे। उन्हें अपनी भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
— Jayant Singh (@jayantrld) May 3, 2024
4 बार लखनऊ यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष रहे
अतुल कुमार अंजान 20 साल की उम्र में नेशनल कॉलेज स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे। छात्रों की समस्याओं को मुखरता से उठाने के लिए अंजान कम समय में लोकप्रिय हुए। उन्होंने लगातार चार बार लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ का अध्यक्ष पद भी जीता। आधा दर्जन भाषाओं में एक प्रतिभाशाली वक्ता, अंजान अपने विश्वविद्यालय के दिनों के दौरान वामपंथी पार्टी में शामिल हो गए थे।
4 साल 9 महीने जेल में भी बिताए
अंजान यूपी के प्रसिद्ध पुलिस-पीएसी विद्रोह के प्रमुख नेताओं में से एक थे। अंजान ने अपने राजनीतिक सफर के दौरान चार साल नौ महीने जेल में भी बिताए। उनके पिता डॉ एपी सिंह एक अनुभवी स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने एचएसआरए (हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन) की गतिविधियों में भाग लिया था, जिसके लिए उन्होंने ब्रिटिश जेल में लंबी सजा काटी थी।
अंजान ने 2014 में उत्तर प्रदेश में घोसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि उन्हें हार मिली थी। भाजपा के हरिनारायण राजभर ने चुनाव जीता था।