CJI चंद्रचूड़ ने वकील को फटकारा: कोर्ट में ya, ya करने पर मराठी में लगाई क्लास, कहा- 'यह कोर्ट है, कॉफी शॉप नहीं'

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने वकील को उनकी भाषा पर फटकार लगाई।

Updated On 2024-09-30 13:24:00 IST
CJI D.Y. Chandrachud (फाइल फोटो)

CJI Chandrachud Reprimands Lawyer: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक सुनवाई के दौरान, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने वकील को उनकी भाषा पर फटकार लगाई। जब वकील ने 'Ya..Ya..' कहा, तो सीजेआई ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "यह कोर्ट है, कोई कॉफी शॉप नहीं। क्या है ये 'या..या..'? मैं इस पर बहुत सख्त हूं। आप 'हां' कहिए।" इसके बाद वकील ने अपनी गलती सुधारी और मराठी में बात करना शुरू किया। 

वकील की अंग्रेजी पर जताई नाराजगी 
सुनवाई के दौरान जब वकील ने 'या..या..' कहा, तो CJI चंद्रचूड़ ने कहा, "यह अदालत है, कॉफी शॉप नहीं। इस तरह की भाषा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।" इसके बाद CJI ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार की भाषा कोर्ट में स्वीकार्य नहीं है। यह सुनकर वकील ने माफी मांगी और मराठी में अपनी बात रखना शुरू किया। 

ये भी पढें: RG Kar Case: 'अपनी आवाज नीची करो...' कोलकाता मामले की सुनवाई के दौरान CJI ने वकील को फटकारा

CJI ने मराठी में लगा दी क्लास
वकील के मराठी में बात करने पर, CJI चंद्रचूड़ ने भी मराठी में जवाब दिया। उन्होंने कहा, "न्यायाधीश को सीधे पार्टी नहीं बनाया जा सकता है। इसके लिए कानून में एक प्रक्रिया है।" इस पर वकील ने कहा, "माझं काय करावं?" (मैं क्या करूं?), जिस पर CJI ने स्पष्ट किया कि वह वकील की बात को सही ढंग से नहीं समझ पा रहे हैं। 

ये भी पढें:Supreme Court: सीजेआई चंद्रचूड़ बोले- पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा सुप्रीम कोर्ट की आलोचना 'घोर अपमानजनक'

पूर्व CJI गोगोई से जुड़ा है मामला
यह मामला पूर्व CJI रंजन गोगोई के खिलाफ दायर एक याचिका से जुड़ा है, जिसमें उनकी सेवा समाप्ति के फैसले को चुनौती दी गई थी। CJI चंद्रचूड़ ने वकील से कहा कि वे इस मामले में गोगोई का नाम हटा दें, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देते समय न्यायाधीश को सीधे पार्टी नहीं बनाया जा सकता। वकील ने CJI चंद्रचूड़ की बात मानते हुए कहा कि वे याचिका से गोगोई का नाम हटा देंगे। इसके बाद CJI ने कहा, "पहले नाम हटाएं, फिर आगे देखेंगे।" 

ये भी पढें: चीफ जस्टिस की सख्त टिप्पणी: हाईकोर्ट जज के विवादित बयान पर बोले-भारत के किसी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कह सकते

2018 में दायर की गई थी याचिका
यह याचिका मई 2018 में दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पूर्व CJI रंजन गोगोई ने सेवा समाप्ति के एक मामले में गलत तरीके से निर्णय लिया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था, और अब वकील को सुधारात्मक याचिका दाखिल करने के लिए कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने वकील का हिदायत दी कि वह इस बात का खास ध्यान में रखें कि कोर्ट में किस लहजे में बात करनी चाहिए। 

Similar News