Chandigarh mayoral Election: सुप्रीम कोर्ट ने AAP और कांग्रेस कैंडिडेट को घाेषित किया मेयर, कहा- रिटर्निंग अफसर ने की गड़बड़ी

Chandigarh mayoral Election supreme court Hearing Updates: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के पुराने नतीजों को अवैध घोषित कर दिया। कोर्ट ने आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साझा उम्मीदवार कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया।

Updated On 2024-02-20 17:04:00 IST
Chandigarh mayoral poll

Chandigarh mayoral Election supreme court Hearing Updates: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव को लेकर अहम फैसला सुनाया। कोर्ट ने चुनाव के पुराने नतीजे को अवैध घोषित कर दिया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन-जजों की बेंच ने कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह द्वारा अमान्य किए गए आठ मतपत्र वैध थे। यह वोट AAP के मेयर पद के उम्मीदवार कुलदीप कुमार के पक्ष में डाले गए थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के साझा कैंडिडेट कुलदीप कुमार को मेयर घोषित कर दिया। 

कोर्ट ने कहा अनिल मसीह ने लोगों को गुमराह किया
इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने सबसे पहले चुनाव के बैलट पेपर और मतगणना के वीडियो रिकॉर्डिंग की जांच की। इसके बाद रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह को फिर कड़ी फटकार लगाई। विवाद की जड़ में रहे 8 बैलट्स पेपर को सुप्रीम कोर्ट ने वैध कर दिया। कहा कि सभी अमान्य 8 बैलट्स आप मेयर उम्मीदवार कुलदीप कुमार के पक्ष में पड़े थे। इन पर सिर्फ पेन से निशान लगाया है। इससे बैलट्स अवैध नहीं हो गए। अनिल मसीह ने लोगों को गुमराह किया है। 

इससे पहले अदालत ने आदेश दिया कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में डाले गए वोटों की गिनती दोबारा की जाए। निशान लगाए गए सभी 8 बैलट्स को वैध माना जाए। इसके आधार पर वोटों की गिनती और मेयर चुना जाए। पुनर्गणना के बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को मेयर पद की रेस में जीत मिली और कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ नगर निगम का नया मेयर घोषित कर दिया गया। 

मसीह ने कुबूला अपना जुर्म
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने सोमवार को सुनवाई के दौरान रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह से कई तल्ख सवाल किए। पूछा कि किस कानून के तहत आपने बैलट पेपर पर हस्ताक्षर किए हैं। कैमरे की तरफ क्यों देख रहे थे? बैलट पेपर पर निशान क्यों लगाए? जवाब में मसीह ने अवैध वोटों की पहचान के लिए बैलट पेपरों पर निशान लगाने की बात कबूल की है। 

भाजपा के मनोज सोनकर ने 16 वोटों के साथ चुनाव जीता था। उन्होंने आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को हराया। उन्हें 12 वोट मिले थे। हालांकि, विवाद तब खड़ा हो गया जब रिटर्निंग अधिकारी अनिल मसीह ने गठबंधन सहयोगियों के आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया। उन पर बैलट पेपर में छेड़छाड़ का आरोप लगने लगा। 

एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें भाजपा के अल्पसंख्यक सेल के सदस्य मसीह को आप पार्षदों के लिए डाले गए मतपत्रों पर निशान लगाते हुए दिखाया गया। 5 फरवरी की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उनके कार्यों की निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र का मजाक बताया था।

अदालत ने सोमवार को सुनवाई में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ऑफिस से चुनावी संबंधी रिकॉर्ड और बैलट पेपर पेश करने के लिए कहा था। सुनवाई के दौरान धांधली के आरोपी रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह को व्यक्तिगत रूप से पेश रहे।

सुप्रीम कोर्ट ने जताई खरीद-फरोख्त पर गहरी चिंता
सुप्रीम कोर्ट ने कथित खरीद-फरोख्त पर गहरी चिंता व्यक्त की और मतपत्रों और मतगणना प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जांच करने का फैसला किया। न्यायालय ने तुरंत नए सिरे से चुनाव कराने का आदेश देने के बजाय पहले ही डाले गए वोटों के आधार पर नतीजे घोषित करने पर विचार करने का सुझाव दिया है।

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