Bangladesh Violence: बांग्लादेश में भारतीयों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने भारत सरकार ने लिया बड़ा फैसला

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार गिरने के बाद हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। सरकार के मुताबिक, वहां 12 हजार भारतीय मौजूद हैं।

Updated On 2024-08-09 16:30:00 IST
India Bangladesh Border

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ टारगेट कर हो रहे हमलों के के बीच भारत सरकार ने स्थिति की निगरानी के लिए एक कमेटी बनाई है। यह समिति बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगी, खासतौर से उन हिंसक प्रदर्शनों के बीच जिन्होंने शेख हसीना की सरकार को गिरा दिया है। गुरुवार को नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेकर बांग्लादेश की बागडोर अपने हाथों में ली।

कमेटी ने कौन-कौन होगा शामिल?

  • केंद्र ने कहा, "भारत सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा (आईबीबी) पर मौजूदा हालात की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति बांग्लादेश में संबंधित अधिकारियों के साथ संचार चैनल बनाए रखेगी ताकि वहां के भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।"
  • समिति की अध्यक्षता पूर्वी कमान के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) करेंगे। इसमें बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय दक्षिण बंगाल के महानिरीक्षक (आईजी), बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय त्रिपुरा के आईजी, भूमि पत्तन प्राधिकरण भारत (एलपीएआई) के सदस्य (योजना और विकास), और एलपीएआई के सचिव शामिल होंगे।

मुहम्मद यूनुस ने संभाली अंतरिम सरकार की कमान

  • गुरुवार को नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई, जिन्होंने छात्रों की अगुआई वाले विद्रोह के बाद देश को फिर से लोकतंत्र की ओर ले जाने का वादा किया है, जिसने शेख हसीना के 15 साल के शासन का अंत कर दिया।
  • यूरोप से ढाका लौटे यूनुस ने हिंसा के लंबे दौर के बाद देश में शांति व्यवस्था बहाल करने का आह्वान किया, जिसमें कम से कम 455 लोगों की जान चली गई। उन्होंने नागरिकों से एक-दूसरे की रक्षा करने की अपील की, विशेष रूप से उन अल्पसंख्यकों की जो हमले का शिकार हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री यूनुस ने लोगों से शांति की अपील की
बांग्लादेश में अंतरिम प्रशासन एक नागरिक टीम है, जिसमें एक सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर-जनरल भी शामिल हैं। 84 वर्षीय यूनुस ने कहा, "मेरी लोगों से अपील है कि अगर आपको मुझ पर विश्वास है, तो सुनिश्चित करें कि देश में कहीं भी किसी पर हमला न हो। हर व्यक्ति हमारा भाई है। हमारा काम उन्हें सुरक्षित रखना है, पूरा बांग्लादेश एक बड़ा परिवार है। कानून और व्यवस्था हमारी पहली प्राथमिकता है। जब तक हम कानून और व्यवस्था की स्थिति को ठीक नहीं कर लेते, हम आगे बढ़ नहीं सकते।"

बांग्लादेश में ऐसे हुआ तख्तापलट?
शेख हसीना, जिन पर अपने राजनीतिक विरोधियों को जेल में डालने समेत बड़े मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप है, सोमवार को पड़ोसी देश भारत भाग गई थीं, जब हजारों प्रदर्शनकारियों का सैलाब ढाका की सड़कों पर उतर आया। सोमवार की घटनाएं एक महीने से ज्यादा समय से चल रहे अशांति का नतीजा थीं, जो सरकारी नौकरियों के लिए कोटा योजना के खिलाफ विरोध के रूप में शुरू हुईं, लेकिन बाद में यह एक व्यापक विरोध-हसीना आंदोलन में बदल गई। फिर सेना छात्रों के आगे झुकी और यूनुस को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए सहमति दी।

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