भारत रत्न चौधरी चरण सिंह: 6 माह रहे प्रधानमंत्री, लेकिन सदन में जाने का नहीं मिला मौका; यहां जानें करियर, जीवन और उपलब्धियां

Chaudhary Charan Singh Awarded Bharat Ratna: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों को भारत रत्न देने की घोषणा की। सरकार ने पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव और चरण सिंह को भारत रत्न देने का फैसला लिया है। इसके साथ ही वैज्ञानिक एमएस स्वामिनाथन को भी भारत रत्न से नवाजा गया।

Updated On 2024-02-09 14:26:00 IST
Chaudhary Charan Singh Bharat Ratna

Chaudhary Charan Singh Awarded Bharat Ratna: देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत सरकार ने आज भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित करने का ऐलान किया है। चौधरी चरण सिंह, भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण व्यक्तित्व रहे हैं और उन्होंने देश की सेवा में अपना योगदान दिया है। इसके साथ पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामिनाथन को भी सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने का फैसला किया गया है। पीएम मोदी ने खुद इस बात की जानकारी दी है।

5वें प्रधानमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन(23 दिसंबर) के अवसर पर हर साल राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के नूरपुर में एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उन्हें किसानों के मसीहा के रूप में जाना जाता है। 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक वह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री रहे हैं। इसके बाद इंदिरा गांधी के समर्थन वापस लेने की वजह से 20 अगस्त,1979 को चौधरी चरण सिंह ने प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वे ऐसे प्रधानमंत्री बने जिन्होंने पीएम रहते हुए कभी संसद का सामना नहीं किया। 29 मई, 1987 को उनका निधन हुआ।

चौधरी चरण सिंह की शिक्षा
उनकी स्कूली शिक्षा जानी खुर्द गांव में हुई। उन्होंने 1919 में गवर्नमेंट हाई स्कूल से 10वीं पूरी की थी और साल 1923 में उन्होंने आगरा कॉलेज से बीएससी और 1925 में हिस्ट्री में एमए की। उन्होंने लॉ की भी ट्रेनिंग ली थी। साल 1929 में वह कांग्रेस में शामिल हो गए और उन्होंने राजनीतिक करियर को चुना। 

आजादी के लिए कई बार गए जेल
चरण सिंह ने अपने पूरे जीवन में किसानों और उनके परिवारों के विकास के लिए ही काम किया। भारत की आजादी के लिए वह कई बार जेल भी गए थे।

चौधरी चरण सिंह का राजनीतिक करियर
पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह साल 1937 में यूपी की छपरौली विधानसभा से चुने गए थे। यही क्रम 1946, 1952, 1962 और 1967 में भी चलता ही रहा। 1946 में वे पंडित गोविंद बल्लभ पंत की सरकार में संसदीय सचिव बने। उन्होंने राजस्व, चिकित्सा समेत कई विभागों में काम किया। जून 1951 में उन्हें राज्य में कैबिनेट मंत्री बनाया गया और न्याय व सूचना विभाग दिया गया।

पीएम मोदी ने एक्स पर किया ट्वीट
पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर कहा 'हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है।

उन्होंने किसानों के अधिकार और कल्याण के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।'

दिल जीत लिया!- जयंत सिंह

रालोद मुखिया जयंत सिंह के दादा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को काफी समय से भारत रत्न देने की मांग उठ रही थी। पीएम के ऐलान पर जयंत चौधरी ने पोस्ट करते हुए लिखा, 'दिल जीत लिया!'

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