भगवान रामलला का नया नामकरण: जानिए अब किस नए नाम से पुकारे जाएंगे अयोध्यापति राजाराम?

Ram Lalla Idol To Be Known As Balak Ram:​​​​​​​ अयोध्या में भव्य मंदिर के लिए राम लला की तीन मूर्तियां तीन अलग-अलग मूर्तिकारों ने बनाई थी। मूर्तिकार गणेश भट्ट, अरुण योगीराज और सत्यनारायण पांडे। मंदिर ट्रस्ट ने कहा कि अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई प्रतिमा को गर्भगृह में विराजमान किया गया है।

Updated On 2024-01-23 21:35:00 IST
Ayodhya Ram Mandir

Ram Lalla Idol To Be Known As Balak Ram: अयोध्या में भव्य मंदिर में प्रतिष्ठित की गई रामलला की नई मूर्ति को बालक राम के नाम से जाना जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े पुजारी अरुण दीक्षित ने बताया कि नए नामकरण के पीछे एक प्रमुख वजह है। भगवान राम एक बच्चे की तरह दिखते हैं, उनकी उम्र पांच साल है। उन्हें 5 साल के बालक के रूप में खड़ी मुद्रा में दर्शाया गया है। इसलिए उन्हें रामलला नहीं, बालक राम के नाम से जाना जाएगा। 

अरुण दीक्षित बोले- मेरी आंखों से आंसू बहने लगे
अरुण दीक्षित वाराणसी के रहने वाले हैं। उन्होंने अब तक 50-60 मूर्तियों का अभिषेक कराया है। उन्होंने कहा कि अब तक किए गए सभी अभिषेकों में से यह मेरे लिए सबसे अलौकिक, दिव्य और सर्वोच्च है। पहली बार जब मैंने मूर्ति देखी, तो मैं रोमांचित हो गया और मेरे चेहरे से आंसू बहने लगे। उस समय मुझे जो अनुभूति हुई, उसे मैं बयां नहीं कर सकता। दीक्षित ने कहा कि उन्हें मूर्ति की पहली झलक 18 जनवरी को मिली थी।

Ayodhya Ram Mandir

अयोध्या में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
भगवान राम का भव्य मंदिर मंगलवार को आम जनता के लिए खोला गया है। इसके बाद श्रद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। हालात यह हो गए कि भीड़ को संभालना मुश्किल हो गया। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गर्भगृह में पूजा की। इसके बाद रामलला को प्राण प्रतिष्ठित किया गया। समारोह के बाद अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि यह एक नए युग के आगमन का प्रतीक है। राम लला की पुरानी मूर्ति को उनके तीनों भाइयों के साथ नई मूर्ति के सामने रखा गया है। देश के लाखों लोगों ने अपने घरों और पड़ोस के मंदिरों में समारोह का लाइव प्रसारण देखा। शाम को श्रीराम ज्योति जलाई। आतिशबाजी की। 

ढाई अरब साल पुरानी चट्टान से बनी प्रतिमा
रामलला की मूर्ति को मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है। यह महज 51 इंच की मूर्ति है, जो करीब ढाई अरब साल पुरानी चट्टान से बनाई गई है। कृष्णा शिल की खुदाई मैसूर के एचडी कोटे तालुक में जयापुरा होबली में गुज्जेगौदानपुरा से की गई थी। कृष्ण शिला संत रामदास (78) नाम के एक शख्स की खेती वाली जमीन को समतल करते समय मिली थी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने शिला को प्रतिमा के लिए उपयुक्त माना था।  

तीन मूर्तिकारों ने बनाई थी प्रतिमा
अयोध्या में भव्य मंदिर के लिए राम लला की तीन मूर्तियां तीन अलग-अलग मूर्तिकारों ने बनाई थी। मूर्तिकार गणेश भट्ट, अरुण योगीराज और सत्यनारायण पांडे। मंदिर ट्रस्ट ने कहा कि अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई प्रतिमा को गर्भगृह में विराजमान किया गया है। बाकी दो प्रतिमाएं मंदिर के अन्य हिस्सों में रखी जाएगी।

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