वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद पर रिपोर्ट देख भड़के असदुद्दीन ओवैसी, ASI को बताया हिंदुत्व का गुलाम

Asaduddin Owaisi on ASI Report: असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर लिखा कि एएसआई की रिपोर्ट पेशेवर पुरातत्वविदों या इतिहासकारों के किसी भी समूह के सामने अकादमिक जांच में टिक नहीं पाएगी। रिपोर्ट अनुमान पर आधारित है। वैज्ञानिक अध्ययन का मज़ाक उड़ाया है। एक बार एक विद्वान ने कहा था कि एएसआई हिंदुत्व की गुलाम है।

Updated On 2024-01-26 13:24:00 IST
Asaduddin Owaisi

Asaduddin Owaisi on ASI Report: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की रिपोर्ट को आड़े हाथों लिया है। ओवैसी ने कहा कि एसआई हिंदुत्व का गुलाम बन गया है। सर्वे रिपोर्ट अनुमान पर आधारित है। वैज्ञानिक अध्यन का मजाक उड़ाया गया है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार को दावा किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था।

असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर लिखा कि एएसआई की रिपोर्ट पेशेवर पुरातत्वविदों या इतिहासकारों के किसी भी समूह के सामने अकादमिक जांच में टिक नहीं पाएगी। रिपोर्ट अनुमान पर आधारित है। वैज्ञानिक अध्ययन का मज़ाक उड़ाया है। एक बार एक विद्वान ने कहा था कि एएसआई हिंदुत्व की गुलाम है।

वकील विष्णु शंकर जैन ने सार्वजनिक की रिपोर्ट
ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरुवार की शाम दावा किया कि एएसआई को मस्जिद के अंदर एक बड़े हिंदू मंदिर के अवशेष मिले हैं। हिंदू और मुस्लिम पक्षों को 839 पन्नों का दस्तावेज दिए जाने के कुछ मिनट बाद जैन ने रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी। 

मंदिर को मुगल बादशाह औरंगजेब के शासनकाल के दौरान नष्ट कर दिया गया था। एक कमरे के अंदर पाए गए अरबी-फ़ारसी शिलालेख में उल्लेख है कि मस्जिद औरंगजेब के 20वें शासनकाल में बनाई गई थी। पहले से मौजूद संरचना 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के शासनकाल के दौरान नष्ट हो गई थी। मस्जिद के निर्माण के लिए घंटियों से सजाए गए खंभे, दीपक रखने के लिए ताक और मंदिर के शिलालेखों का दोबारा उपयोग किया गया था।

इस बीच, ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति ने कहा कि उसे अभी एएसआई रिपोर्ट का अध्ययन करना बाकी है।

2021 में पांच महिलाओं ने दाखिल की थी याचिका
ज्ञानवापी विवाद दशकों पुराना है। हालांकि अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने वाराणसी की अदालत में याचिका दायर कर परिसर के अंदर स्थित मां श्रृंगार गौरी स्थल पर पूजा के अधिकार की मांग की। जिला अदालत ने पिछले साल जुलाई में सर्वेक्षण का आदेश पारित किया। हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि 17वीं सदी की मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर किया गया था। सर्वे के दौरान एक शिवलिंग पाया गया, जबकि मुस्लिम पक्ष ने तर्क दिया था कि जो संरचना मिली थी वह एक फव्वारा था। शीर्ष अदालत के आदेश के तहत यह क्षेत्र सील है।

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