Army-Cops Clash: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में पुलिस-सेना के बीच हिंसक झड़प, 3 लेफ्टिनेंट कर्नल समेत 16 लोगों पर FIR दर्ज

Army-Cops Clash:जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में पुलिस स्टेशन पर सेना और पुलिस के बीच हिंसक झड़प का मामला सामने आया है। घटना मंगलवार 28 मई की रात को हुई थी।

Updated On 2024-05-30 18:49:00 IST
Army-Cops Clash: जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में पुलिस स्टेशन पर सेना और पुलिस के बीच हिंसक झड़प का मामला सामने आया है।

Army-Cops Clash:जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में पुलिस स्टेशन पर सेना और पुलिस के बीच हिंसक झड़प का मामला सामने आया है। घटना मंगलवार 28 मई की रात को हुई थी। पुलिस स्टेशन पर हमले के आरोप में 3 लेफ्टिनेंट कर्नल समेत 16 लोगों पर हत्या की कोशिश यानी अटेम्प्ट टु मर्डर की FIR दर्ज की गई है।

ड्रग केस की पूछताछ से शुरू हुआ विवाद
पुलिस ने 160 टेरिटोरियल आर्मी के एक जवान से ड्रग केस में पूछताछ की थी, जिससे सेना के अधिकारी नाराज हो गए। नाराजगी इतनी बढ़ी कि बड़ी संख्या में वर्दीधारी और हथियारों से लैस जवान पुलिस स्टेशन में दाखिल हो गए। इस समूह में सीनियर सैन्य अधिकारी भी शामिल थे।

पुलिस पर हमला, FIR का दावा
FIR के मुताबिक, लेफ्टिनेंट कर्नल अंकित सूद, राजीव चौहान और निखिल की अगुआई में आर्मी के ग्रुप ने पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया। उन्होंने राइफल की बट, छड़ियों और लातों से पुलिसकर्मियों पर हमला किया। FIR में यह भी दर्ज है कि सेना के जवानों ने अपने हथियार लहराए, घायल पुलिसवालों के मोबाइल फोन छीन लिए और एक पुलिसकर्मी का अपहरण कर लिया। सीनियर पुलिस अधिकारियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अपहृत पुलिसकर्मी को छुड़ाया और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की।

आर्मी जवानों के खिलाफ दर्ज धाराएं
आर्मी जवानों के खिलाफ IPC की कई धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है:

  • 186: शासकीय कार्य में बाधा डालना
  • 332: ड्यूटी करने से रोकने के लिए सरकारी कर्मचारी के साथ मारपीट
  • 307: मर्डर की कोशिश
  • 342: बंधक बनाना
  • 147: दंगा करना

सेना के जवानों पर ये आरोप भी लगाए गए
इसके अलावा, आरोपियों पर सेक्शन 149 (गैरकानूनी तरीके से जमा हुई भीड़ के सभी लोग गलत काम करने के दोषी), 392 (चोरी करने की सजा), 397 (जान से मारने या गंभीर रूप से चोट पहुंचाने की कोशिश के साथ चोरी या डकैती करना), 365 (किसी व्यक्ति को बंधक बनाने के उद्देश्य से उसका अपहरण करना) और आर्म्स एक्ट के तहत भी चार्ज लगाए गए हैं।

डिफेंस प्रवक्ता का बयान
श्रीनगर के डिफेंस प्रवक्ता ने इस घटना को मामूली बताया और कहा कि पुलिसकर्मियों से मारपीट की रिपोर्ट गलत है। प्रवक्ता ने कहा कि पुलिसकर्मियों और टेरिटोरियल आर्मी यूनिट के बीच ऑपरेशन मुद्दे को लेकर छोटा मोटा विवाद हुआ था। हालांकि दोनों पक्षों ने शांति से सुलझा मुद्दे को सुलझा लिया है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में पुलिस-सेना के बीच हुई इस घटना ने सुरक्षा बलों के आपसी तालमेल पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर पुलिसकर्मियों पर हुए हमले की FIR दर्ज हो चुकी है, वहीं दूसरी ओर डिफेंस प्रवक्ता इस घटना को मामूली बता रहे हैं। आगे की जांच से ही स्पष्ट हो सकेगा कि वास्तव में घटना के पीछे क्या कारण थे और किसकी गलती थी।

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