Ayodhya Ram Mandir: मोदी देश के PM ना होते तो नहीं बनता राम मंदिर... कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने की तारीफ

Acharya Pramod Krishnam on PM Modi And Ram Mandir: 22 जनवरी को पीएम मोदी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। वे इन दिनों 11 दिनों के उपवास और धार्मिक यात्रा पर हैं। तमाम मेहमान अयोध्या पहुंच चुके हैं।

Updated On 2024-01-21 16:01:00 IST
Acharya Pramod Krishnam

Acharya Pramod Krishnam on PM Modi And Ram Mandir: कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से एक दिन पहले रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री नहीं होते तो राम मंदिर कभी नहीं बन पाता। कांग्रेस अक्सर 'मंदिर वहीं बनाएंगे पर तारीख नहीं बताएंगे' कहकर बीजेपी पर निशाना साधती रही है। ऐसे में कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद के बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। उन्होंने राम मंदिर का निमंत्रण ठुकराने को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साधा। 

विहिप और बजरंग दल के बलिदान को किया याद
एएनआई से बातचीत में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। जिससे सदियों पुराने राम जन्मभूमि विवाद का निपटारा हुआ। उन्होंने राम मंदिर आंदोलन को उसके परिणाम तक पहुंचाने के लिए विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के सदस्यों के 'बलिदान' को भी स्वीकार किया।

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प्राण प्रतिष्ठा का पूरा श्रेय पीएम मोदी को
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि लंबी लड़ाई और सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले के बाद भगवान राम कल 22 जनवरी को अपने जन्मस्थान पर लौटेंगे। अगर पीएम मोदी नहीं होते तो ये मंदिर कभी नहीं बन पाता। इसलिए मैं राम मंदिर बनने और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का पूरा श्रेय पीएम मोदी को देना चाहता हूं। कई सरकारें रहीं। कई प्रधानमंत्री आए और गए, लेकिन किसी ने भी राम मंदिर के लिए 500 साल के इंतजार को खत्म करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। विहिप और बजरंग दल के सदस्यों ने भी बहुत बलिदान दिए।

उपवास के लिए पीएम मोदी को सराहा
प्रधानमंत्री मोदी के 11 दिवसीय अनुष्ठान की प्रशंसा करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि उन्होंने कुछ कठोर धार्मिक नियमों को अपनाया है और देश भर में भगवान राम से जुड़े मंदिरों और स्थलों का दौरा करते हुए उपवास कर रहे हैं। पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर अब तक आज देश ने कई प्रधानमंत्री देखे हैं। लेकिन किसी ने लंबे समय से चली आ रही मांग या इच्छा को पूरा करने के लिए इतना बड़ा प्रयास नहीं किया। मैं इस काम के लिए प्रधानमंत्री की सराहना करता हूं।

मोदी का विरोध करिए, मगर राम का नहीं
अयोध्या में 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के निमंत्रण को अस्वीकार करने के लिए विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि भगवान राम की विशेषता वाले कार्यक्रम का हिस्सा बनने का अवसर अस्वीकार करना भारतीय संस्कृति का अपमान करने के समान है। 

उन्होंने कहा कि मैं इसे गंभीर दुर्भाग्य के रूप में देखता हूं। सिख, मुस्लिम, ईसाई धर्म के किसी भी उपदेशक ने भगवान राम के निमंत्रण को अस्वीकार नहीं किया। देवता हमारी आत्मा में निवास करते हैं और विश्वास से परे हैं। उनके बिना देश की कल्पना नहीं की जा सकती है। प्रभु राम के निमंत्रण को अस्वीकार करने का मतलब भारतीय संस्कृति का अपमान करना है। यही कारण है कि महात्मा गांधी ने 'राम राज्य' और कांग्रेस का सपना देखा था। कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जो उनके आदर्शों का समर्थन करती है, लेकिन राम विरोध नहीं होना चाहिए। मैं सभी विपक्षी दलों से भाजपा के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह करूंगा, लेकिन भगवान राम और सनातन के खिलाफ नहीं। 

खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि...
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे भगवान राम की 'प्राण प्रतिष्ठा' का निमंत्रण मिला। यह देखते हुए कि अयोध्या कैसे बदल गई है, मैं यहां आकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। यह मेरे पिछले जीवन के कुछ अच्छे कर्मों का परिणाम होगा। आज की अयोध्या और पहले की अयोध्या में वही अंतर है जो अंधेरे और उजाले में है।

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