कांग्रेस, जिन्ना और माउंटबेटन: भारत-पाक बंटवारे का जिम्मेदार कौन? NCRT के नए मॉड्यूल से बढ़ा विवाद

एनसीईआरटी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर खास मॉड्यूल जारी किए। इसमें भारत-पाक विभाजन के कारण, जिन्ना, कांग्रेस और माउंटबेटन की भूमिका और कश्मीर पर इसके असर की विस्तार से चर्चा की है।

Updated On 2025-08-16 14:46:00 IST

India-Pakistan Partition Facts

India-Pakistan Partition History: भारत-पाकिस्तान विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (Partition Horrors Remembrance Day) पर एनसीईआरटी (NCERT) ने स्कूलों के लिए विशेष शैक्षिक मॉड्यूल जारी किया है। इसमें भारत-पाक बंटवारे (Partition of India 1947) के लिए जिन्ना, कांग्रेस और माउंटबेटन को जिम्मेदार ठहराया है।

मॉड्यूल में बताया गया कि भारत-पाक विभाजन में किसी एक व्यक्ति का निर्णय नहीं, बल्कि इसमें तीन प्रमुख तत्व शामिल थे। इनमें मुहम्मद अली जिन्ना, जिन्होंने विभाजन की मांग की। कांग्रेस पार्टी, जिसने इसे स्वीकार किया और तीसरा लॉर्ड माउंटबेटन, जिन्होंने इसे लागू किया।

मॉड्यूल के अनुसार, भारत का बंटवारा 15 अगस्त 1947 को हुआ, लेकिन इसका खामियाजा आज भी देशवासियों को भुगतना पड़ रहा है। NCRT ने बताया कि लॉर्ड माउंटबेटन की एक गलती के चलते कई लोगों को जान गंवानी पड़ी।

मॉड्यूल के अनुसार, आजादी की तारीख जून 1948 से घटाकर अगस्त 1947 कर देना और सीमांकन के लिए सिरिल रैडक्लिफ को मात्र पाँच सप्ताह का समय देना, विभाजन के दौरान बड़े पैमाने पर उथल-पुथल और हिंसा का मुख्य कारण बना।

1940 का लाहौर प्रस्ताव और जिन्ना का रुख 

मॉड्यूल में 1940 के लाहौर प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए बताया गया कि जिन्ना ने हिंदू और मुसलमानों को अलग-अलग सभ्यताओं के रूप में प्रस्तुत किया। यह सोच पाकिस्तान की नींव बनी।

कांग्रेस नेताओं के अलग-अलग रुख

  • एनसीईआरटी मॉड्यूल में विभाजन को लेकर कांग्रेस ने नेताओं के अलग-अलग दृष्टिकोणों पर प्रकाश डाला गया है। इसके अनुसार, स्थिति इतनी अस्थिर हो गई थी कि सरदार पटेल भारत पूर्ण पैमाने पर गृहयुद्ध का जोखिम उठाने की बजाय विभाजन को स्वीकार करना बेहतर माना।
  • महात्मा गांधी के बारे में बताया गया कि उन्होंने विभाजन का विरोध तो किया, लेकिन कांग्रेस के फैसले (हिंसा के ज़रिए विरोध) को सहमति नहीं दी। माड्यलू में गांधी के हवाले से बताया कि वे विभाजन में भागीदार नहीं हो सकते, लेकिन कांग्रेस को हिंसक तरीकों से इसे स्वीकार करने से नहीं रोकेंगे।
  • अंतत: जवाहरलाल नेहरू और पटेल दोनों ने विभाजन के विचार को स्वीकार कर लिया। मॉड्यूल में यह भी लिखा है कि गांधी ने अंततः 14 जून, 1947 को कांग्रेस कार्य समिति को इस पर सहमत होने के लिए राजी कर लिया, जो पार्टी के रुख में महत्वपूर्ण मोड़ था।

विभाजन का असर: कश्मीर और भू-राजनीतिक दबाव

पाठ्य सामग्री में कहा गया है कि विभाजन ने कश्मीर समस्या को जन्म दिया और विदेशी शक्तियाँ समय-समय पर इसका उपयोग भारत पर दबाव बनाने के लिए करती रही हैं। NCRT ने यह मॉड्यूल कक्षा 6-8 और कक्षा 9-12 के लिए अलग-अलग तैयार किया है। इसे नियमित पाठ्यपुस्तकों के साथ-साथ पूरक सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।

कांग्रेस-सपा ने जताई आपत्ति

कांग्रेस ने एनसीईआरटी के ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मॉड्यूल पर आपत्ति जताया है। मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने कहा, नरेंद्र मोदी सरकार जब से सत्ता में आए हैं, झूठ परोसा जा रहा रहा है। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, अगर आप इतिहास के पन्ने पलटेंगे तो बहुत कुछ लिखा है कि किसने माफी मांगी, सब कुछ सामने आ जाएगा। 

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