National Herald Case: राहुल-सोनिया को कैसे मिली राहत, क्या है नेशनल हेराल्ड केस का इतिहास? जानिए पूरा मामला
नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को राउज एवेन्यू कोर्ट से राहत मिली है। ED की चार्जशीट पर फिलहाल संज्ञान नहीं लिया गया। जानिए कोर्ट के फैसले की वजह और इस केस का पूरा इतिहास।
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बड़ी राहत, राउज एवेन्यू कोर्ट ने ED की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार किया।
National Herald Case: नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अदालत से फिलहाल राहत मिली है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दाखिल चार्जशीट पर इस स्तर पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। अदालत ने यह भी कहा कि जांच एजेंसी अपनी जांच जारी रख सकती है, लेकिन अभी आरोप तय करने की स्थिति नहीं बनती।
ईडी की चार्जशीट पर क्यों नहीं हुआ संज्ञान?
ईडी ने PMLA के तहत चार्जशीट दाखिल की थी, जिस पर अदालत ने दस्तावेजों और प्रक्रियात्मक पहलुओं की समीक्षा की। कोर्ट का मानना है कि मौजूदा तथ्यों के आधार पर सीधे संज्ञान लेना जल्दबाजी होगी। इसी वजह से मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया को फिलहाल रोक दिया गया है।
नेशनल हेराल्ड केस का इतिहास क्या है?
नेशनल हेराल्ड मामला वर्ष 2012 से चर्चा में है। इसकी शुरुआत बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत से हुई थी। यह केस एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड से जुड़ा है, जो नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करती थी। यह अखबार 1938 में शुरू हुआ था और ऐतिहासिक रूप से कांग्रेस से जुड़ा रहा है।
कर्ज से लेकर संपत्तियों तक कैसे बढ़ा विवाद?
एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड पर भारी कर्ज होने के बाद कांग्रेस पार्टी ने उसे करीब 90 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज दिया था। बाद में यह कर्ज यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को हस्तांतरित कर दिया गया। इसी प्रक्रिया के जरिए दिल्ली और मुंबई जैसी जगहों की बहुमूल्य संपत्तियों पर नियंत्रण को लेकर सवाल उठे।
जांच एजेंसियों के आरोप क्या हैं?
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि इस पूरे लेनदेन में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग की गई। एजेंसी का दावा है कि यंग इंडियन के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स की संपत्तियों को गलत तरीके से हासिल किया गया। इसी आधार पर PMLA और अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई की गई।
कांग्रेस की सफाई और राजनीतिक विवाद
कांग्रेस ने इस मामले को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। पार्टी का कहना है कि यंग इंडियन एक गैर लाभकारी संस्था है और किसी भी नेता ने निजी लाभ नहीं लिया। कांग्रेस लगातार यह दावा करती रही है कि यह केस राजनीतिक दबाव बनाने के लिए खड़ा किया गया है।
इस केस में आगे क्या हो सकता है?
कोर्ट के ताजा फैसले से सोनिया गांधी और राहुल गांधी को फिलहाल राहत जरूर मिली है, लेकिन मामला पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। ईडी की जांच जारी रहेगी और आने वाले समय में अदालत इस केस से जुड़े अगले चरण पर फैसला ले सकती है।