क्या है प्रेस सेंसरशिप?: X ने क्यों उठाए सवाल? क्या भारत सरकार ने ब्लॉक कराए 2,355 अकाउंट; जानिए जवाब
एलन मस्क की कंपनी X ने भारत सरकार पर रॉयटर्स समेत 2,355 अकाउंट्स ब्लॉक करने का दबाव डालने का आरोप लगाया। सेंसरशिप और प्रेस की आज़ादी पर छिड़ी बहस।
X का दावा-भारत सरकार ने रॉयटर समेत 2,355 अकाउंट्स ब्लॉक कराए, प्रेस सेंसरशिप पर चिंता
GOI-X controversy : एलन मस्क के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) ने कथित प्रेस सेंसरशिप पर चिंता जताई है। मंगलवार (8 जुलाई) को पोस्ट लिखकर दावा किया कि भारत सरकार ने 3 जुलाई 2025 को उसे 2,355 खाते तत्काल ब्लॉक करने के निर्देश दिए। इनमें अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के आधिकारिक अकाउंट भी शामिल थे।
X के मुताबिक, सरकार ने यह आदेश आईटी एक्ट की धारा 69A के तहत दिया है। जिसके अनुपालन में देरी अपराध है। सरकार के इस फैसले पर चिंता जताते हुए एक्स ने भारतीय कानूनों के दायरे में रहकर कानूनी उपाय करने की बात कही है।
क्या है मामला?
- X के ग्लोबल गवर्नमेंट अफेयर्स हैंडल के मुताबिक, भारत सरकार IT मंत्रालय से 3 जुलाई को उसे एक आदेश मिला, जिसमें 1 घंटे के भीतर 2,355 अकाउंट्स बिना कारण बताए ब्लॉक करने को कहा गया। इन अकाउंट्स में Reuters और ReutersWorld जैसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों के एकाउंट शामिल थे।
- X ने यह भी कहा कि भारत के इस अघोषित प्रेस सेंसरशिप को लेकर हम बेहद चिंतित हैं। हमने कानूनी विकल्पों पर विचार शुरू किया है। हालांकि, भारतीय कानून हमें प्रत्यक्ष तौर पर चुनौती देने से रोकते हैं। प्रतिबंधित किए गए संस्थानों से इसके लिए आग्रह करेंगे।
भारत सरकार का क्या कहना है?
भारत सरकार ने पहले ही ऐसे किसी आदेश दिए जाने से इनकार किया है। एक अधिकारी ने दावा किया था कि भारत सरकार ने रॉयटर्स के अकाउंट को ब्लॉक करने संबंधी कोई आदेश नहीं दिया है न ही इसकी जरूरत है। X के साथ मिलकर हम समस्या के समाधान पर काम कर रहे हैं। हालांकि, कई यूजर्स ने बताया कि भारत में रॉयटर्स का एक्स अकाउंट अनुपलब्ध बता रहा है।
एक्स और भारत सरकार के बीच बढ़ते तनाव
ये पहला मौका नहीं जब X और भारत सरकार के बीच सेंसरशिप को लेकर टकराव हुआ हो। किसान आंदोलन, CAA विरोध सहित अन्य मुद्दों में भी सरकार द्वारा X से अकाउंट्स हटाने की मांग की जाती रही है। भारत का आईटी एक्ट 69A सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या भारत की संप्रभुता के नाम पर कंटेंट या अकाउंट ब्लॉक करने की शक्ति देता है।
प्रेस की स्वतंत्रता पर सवाल क्यों?
X ने अपनी पोस्ट में ये भी कहा कि सरकार द्वारा लगाए गए ये प्रतिबंधित प्रेस की स्वतंत्रता का हनन है। हम यूजर्स से आग्रह करेंगे कि वे इसके खिलाफ कानूनी उपाय अपनाएं। भारत में ऐसे आदेशों को चुनौती देना विदेशी कंपनियों के लिए संभव नहीं है।
प्रेस सेंशरशिप क्या है?
प्रेस सेंशरशिप सरकार या अन्य प्राधिकरणों द्वारा समाचारों, लेखों या मीडिया सामग्री को नियंत्रित या दबाने की प्रक्रिया है। इसका उद्देश्य सूचना के प्रसार को सीमित करना, आलोचना को रोकना या जनता को प्रभावित करना हो सकता है। यह पत्रकारों की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के अधिकार को प्रतिबंधित करता है।