दित्वाह चक्रवात: तमिलनाडु में लैंडफॉल का खतरा मंडराया, 40 से ज्यादा उड़ानें रद्द, IMD अलर्ट; NDRF-SDRF की टीमें तैनात
साइक्लोन दित्वाह श्रीलंका के बाद अब तमिलनाडु तट के करीब, 47 उड़ानें रद्द। IMD अलर्ट, NDRF–SDRF तैनात, कई जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी।
साइक्लोन दित्वाह तमिलनाडु के करीब, 47 उड़ानें रद्द – हाई अलर्ट
श्रीलंका में भयंकर तबाही मचाने के बाद चक्रवाती तूफान ‘दित्वाह’ अब भारत के दक्षिणी तटों की ओर तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, यह तूफान रविवार (30 नवंबर 2025) को तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों के आसपास लैंडफॉल कर सकता है या अत्यंत निकट से गुजर सकता है।
रविवार सुबह यह तट से मात्र 50 किमी और शाम तक केवल 25 किमी की दूरी पर रहेगा। वर्तमान में ‘साइक्लोनिक स्टॉर्म’ की श्रेणी में मौजूद दित्वाह के और अधिक तीव्र होने की संभावना नहीं है, फिर भी इसके प्रभाव से भारी से अत्यधिक भारी बारिश, तेज हवाएं और तटीय इलाकों में जलभराव का खतरा बना हुआ है।
तमिलनाडु के चार जिलों में रेड अलर्ट जबकि पांच जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। रामनाथपुरम, नागपट्टिनम समेत कई तटीय क्षेत्रों में शनिवार से ही तेज बारिश और जलभराव शुरू हो गया है।
सुरक्षा के मद्देनजर एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीमें तैनात की गई हैं। गुजरात के वडोदरा से 6वीं बटालियन की पांच पूरी तरह सुसज्जित टीमें चेन्नई एयरलिफ्ट कर भेजी गई हैं। ये टीमें फ्लड रेस्क्यू और कोलैप्स्ड स्ट्रक्चर सर्च एंड रेस्क्यू (CSSR) उपकरणों से लैस हैं और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर किसी भी आपात स्थिति से निपटने को तैयार हैं।
चक्रवात के कारण चेन्नई एयरपोर्ट की सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हैं। रविवार को कुल 47 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, जिनमें 36 घरेलू और 11 अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स शामिल हैं। मौसम खराब रहने पर और उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं। यात्रियों को एयरलाइंस से लगातार अपडेट लेने की सलाह दी गई है।
तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश की सरकारें पूरी तरह अलर्ट पर हैं। मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है और तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है। प्रशासन राहत शिविर, बिजली-पानी की वैकल्पिक व्यवस्था और चिकित्सा टीमों को तैयार रखा गया है।
श्रीलंका में इस तूफान से 150 से अधिक लोगों की जान ले चुका है और बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ है। भारत में भी सतर्कता बरतते हुए न्यूनतम जान-माल के नुकसान का प्रयास किया जा रहा है।