Aadhaar Card: असम में DC ऑफिस से ही जारी होंगे आधार कार्ड, AIUDF नेता रफीकुल इस्लाम ने दिया जवाब

AIUDF नेता रफीकुल इस्लाम ने कहा कि आधार कार्ड DC ऑफिस से जारी हो या CMO से, हमें आपत्ति नहीं। बस व्यवस्था पारदर्शी और सरल होनी चाहिए।

Updated On 2025-07-01 09:31:00 IST

1 अक्टूबर से आधार अपडेट कराना हो गया महंगा, इस सर्विस के लिए देने होंगे 700 रुपए।

Aadhaar Card Rule in Assam : असम सरकार ने आधार कार्ड को लेकर सख्त आदेश जारी किया है। बताया कि असम में अब वयस्क नागरिकों के आधार कार्ड सिर्फ जिला आयुक्त (DC) कार्यालयों से ही जारी किए जाएंगे। हेमंता सरकार के इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए AIUDF (ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) के नेता रफीकुल इस्लाम ने कहा, उन्हें इस फैसले से कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते प्रक्रिया पारदर्शी और सुगम हो।

रफीकुल इस्लाम ने कहा, (आधार कार्ड को) जिला आयुक्तों के माध्यम से जारी किया जाए या मुख्यमंत्री के कार्यालय से, इससे हमें कोई एतराज नहीं है, लेकिन आधार किसी ऐसे व्यक्ति के हाथ में नहीं पड़ना चाहिए जो योग्य नहीं है या जो भारतीय नागरिक नहीं है।

AIUDF नेता ने क्या कहा?
रफीकुल इस्लाम ने साफ किया कि उनका संगठन सरकार के इस निर्णय का राजनीतिक विरोध नहीं कर रहा, लेकिन हम चाहते हैं कि आम लोगों को आधार कार्ड बनवाने या अपडेट कराने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने कहा, सरकार को DC ऑफिस में ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि लोगों को लंबी कतारों में न लगना पड़े। दफ्तर में उन्हें सही मार्गदर्शन मिले और प्रक्रिया सरल हो।

सरकार का पक्ष क्या है?
राज्य सरकार ने बताया कि फर्जी आधार कार्ड बनवाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए यह सख्त कदम उठाया गया है। इससे घुसपैठ या गैर-नागरिकों को अवैध रूप से जारी आधार कार्ड को रोका जा सकेगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी राज्यों को निर्देशित किया है कि सीमावर्ती इलाकों में आधार जारी करने की प्रक्रिया को सख्त बनाया जाए।

प्रभावित होंगे ये जिले
राज्य सरकार के नए आदेश से सबसे ज्यादा असर भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती जिलों धुबड़ी, करीमगंज, गोलपाड़ा और बोंगाईगांव में देखने को मिल सकता है। यहां विदेशी नागरिकों के आधार कार्ड अवैध तरीके से जारी कराने की शिकायतें भी सामने आती रही हैं।

आधार कार्ड को लेकर प्रमुख चिंता?
असम में NRC प्रक्रिया के बाद आधार कार्ड को नागरिकता के प्रमाण के रूप में देखा जा रहा है। सरकार आश्वस्त करना चाहती है कि केवल भारतीय नागरिकों को ही आधार कार्ड जारी हों। वहीं विपक्षी दलों का मानना है कि यह प्रक्रिया प्रदेश के आम लोगों को भी आधार से वंचित कर सकती है। बिना आधार के वह सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाएंगे।

AIUDF नेता रफीकुल इस्लाम ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य विरोध करना नहीं, बल्कि व्यवस्था सुधार का है। उनकी मांग सिर्फ पारदर्शिता और सुगमता को लेकर है। असम सरकार के इस निर्णय का असर आने वाले हफ्तों में साफ नजर आएगा। खासकर उन जिलों में जहां नागरिकता और पहचान से जुड़ा विवाद चल रहे हैं।

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