महाराष्ट्र में हिंदी भाषियों पर अत्याचार: छात्र अर्णव की मौत पर रघु ठाकुर का कड़ा बयान, बोले- कब तक पिटेंगे और मरेंगे हिंदी भाषी

महाराष्ट्र में हिंदी बोलने पर छात्र अर्णव की पिटाई और आत्महत्या पर रघु ठाकुर का तीखा हमला। भाषा भेदभाव रोकने और सख्त कार्रवाई की मांग की है।

By :  Desk
Updated On 2025-11-21 19:05:00 IST

महाराष्ट्र में हिंदी बोलने पर छात्र अर्णव की पिटाई पर रघु ठाकुर ने जताई कड़ी आपत्ति।

मुंबई के ठाणे में गुरुवार, 20 नवंबर को छात्र अर्णव को हिंदी में बात करने पर कुछ लोगों ने बेहद बुरी तरह पीटा। घर जाकर उसने दुखी मन से आत्महत्या कर ली। यह सिर्फ एक घटना नहीं है, बल्कि ऐसी कई घटनाएं महाराष्ट्र में लगातार सामने आ रही हैं, जहां हिंदी भाषियों के साथ मारपीट, दुर्व्यवहार और भेदभाव किया जा रहा है।

यह अत्यंत शर्मनाक है कि भारत सरकार और महाराष्ट्र सरकार ऐसे तत्वों को रोकने या उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बजाय कहीं न कहीं उन्हें अप्रत्यक्ष रूप से प्रोत्साहित करती दिखाई दे रही हैं। यह कहना है लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक रघु ठाकुर का।

रघु ठाकुर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा कि अर्णव के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की जाए और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मुकदमा तुरंत दर्ज किया जाए। यह कितना दुखद है कि अपनी ही मातृभाषा "हिंदी" में बात करना आज अपराध जैसा बना दिया गया है।

ठाकुर ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में, जहां भाजपा की सरकार है और जहां नागपुर में संघ का मुख्यालय है, जो “हिंदी-हिंदू-हिंदुस्तान” की बात करता है, वहीं उसके अपने ही राज्य में हिंदी भाषियों को हिंदी बोलने के कारण पिटते और मरते हुए देखा जा रहा है। यह भाजपा का दोहरा चरित्र है, जो भीतर से न राष्ट्रभाषा के साथ है, न भारतीय भाषाओं के सम्मान के साथ।

रघु ठाकुर कहते हैं कि वे किसी को भी किसी भाषा को बोलने के लिए बाध्य करने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन भाषा का स्वराज आवश्यक है। हर व्यक्ति को यह अधिकार होना चाहिए कि वह अपनी पसंद की किसी भी भारतीय भाषा में बात करे। अपनी भाषा और बोली का चयन व्यक्ति स्वयं करे- यह उसका मूल अधिकार है।

उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रपति से भी अनुरोध करेंगे कि इस पर हस्तक्षेप करें, अन्यथा भाषा को लेकर तनाव बेहद गंभीर रूप ले सकता है। ऐसी घटनाओं पर तुरंत रोक लगनी चाहिए। 

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