Side Effects of Night Shift: क्या आप रोज करते हैं नाइट शिफ्ट, इन बीमारियों से करना पड़ेगा सामना
Side Effects of Night Shift: नाइट शिफ्ट करने से शरीर और दिमाग पर क्या असर पड़ता है? इसलिए जानिए रोजाना नाइट शिफ्ट करने के खतरनाक साइड इफेक्ट्स क्या-क्या हैं।
नाइट शिफ्ट करने के नुकसान (Image: grok)
Side Effects of Night Shift: आजकल नाइट शिफ्ट करना कई लोगों की मजबूरी बन चुका है। आईटी सेक्टर, कॉल सेंटर, हेल्थकेयर, सिक्योरिटी और मीडिया जैसे कई क्षेत्रों में रात की शिफ्ट आम बात है। शुरुआत में नाइट शिफ्ट से मिलने वाला एक्स्ट्रा पैसा और करियर ग्रोथ आकर्षक लगती है, लेकिन धीरे-धीरे इसका असर शरीर और दिमाग पर दिखने लगता है। अगर आप भी रोजाना नाइट शिफ्ट करते हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि इसके क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
बॉडी क्लॉक बिगड़ने से शुरू होती हैं परेशानियां
हमारे शरीर की एक नेचुरल बॉडी क्लॉक होती है, जो दिन में काम करने और रात में आराम करने के लिए बनी होती है। नाइट शिफ्ट इस प्राकृतिक चक्र को पूरी तरह बिगाड़ देती है। जब आप रात में जागते हैं और दिन में सोते हैं, तो शरीर कंफ्यूज हो जाता है। इसका असर नींद, पाचन और हार्मोन बैलेंस पर पड़ता है।
नींद की कमी बन सकती है सबसे बड़ी समस्या
नाइट शिफ्ट करने वालों की सबसे आम समस्या होती है नींद पूरी न होना। दिन में शोर, रोशनी और घरेलू माहौल के कारण गहरी नींद नहीं आ पाती।
- थकान बनी रहती है।
- चिड़चिड़ापन बढ़ता है।
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है।
पाचन तंत्र पर पड़ता है सीधा असर
रात में काम करने वाले लोग अक्सर अनियमित समय पर खाना खाते हैं और जंक फूड का सहारा लेते हैं। इससे पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है। नाइट शिफ्ट करने वालों में गैस, एसिडिटी, कब्ज और पेट दर्द जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। समय पर सही भोजन न मिलने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व भी नहीं मिल पाते।
मोटापा और डायबिटीज का खतरा
नाइट शिफ्ट का सीधा असर मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है। कम नींद, गलत खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण वजन तेजी से बढ़ सकता है। यही नहीं, लंबे समय तक नाइट शिफ्ट करने से टाइप-2 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है। ब्लड शुगर लेवल असंतुलित रहने लगता है, जो भविष्य में गंभीर समस्या बन सकता है।
हार्मोनल असंतुलन और थायरॉयड की समस्या
रात में जागने से शरीर के हार्मोन सही तरीके से काम नहीं कर पाते, मेलाटोनिन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन प्रभावित होते हैं। महिलाओं में इससे पीरियड्स की अनियमितता और हार्मोनल प्रॉब्लम्स हो सकती हैं, जबकि पुरुषों में थकान और कमजोरी की शिकायत बढ़ सकती है।
मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है असर
नाइट शिफ्ट सिर्फ शरीर ही नहीं, दिमाग को भी नुकसान पहुंचाती है। अकेलापन, परिवार से कम समय मिलना और नींद की कमी मिलकर डिप्रेशन, एंग्जायटी और स्ट्रेस को जन्म दे सकते हैं। कई लोगों में आत्मविश्वास की कमी और मूड स्विंग्स भी देखे जाते हैं।
इम्यून सिस्टम हो जाता है कमजोर
जब शरीर को पूरा आराम नहीं मिलता, तो इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। नाइट शिफ्ट करने वाले लोग बार-बार सर्दी, खांसी और इंफेक्शन की चपेट में आ सकते हैं। शरीर बीमारियों से लड़ने में कमजोर पड़ने लगता है।
नाइट शिफ्ट में सेहत का कैसे रखें ध्यान?
अगर नाइट शिफ्ट आपकी मजबूरी है, तो कुछ बातों का ध्यान रखकर नुकसान को कम किया जा सकता है।
- दिन में शांत और अंधेरी जगह पर सोने की कोशिश करें।
- हेल्दी और हल्का खाना खाएं।
- रोज थोड़ा बहुत एक्सरसाइज जरूर करें।
- कैफीन का ज्यादा सेवन न करें।
- वीकेंड पर नींद पूरी करें।
नाइट शिफ्ट करना आज के समय में आम हो चुका है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। सही लाइफस्टाइल, संतुलित आहार और पर्याप्त आराम से आप इन जोखिमों को काफी हद तक कम कर सकते हैं। अगर शरीर बार-बार संकेत दे रहा है, तो उन्हें समझना और समय पर कदम उठाना बेहद जरूरी है।
(Disclaimer): ये लेख सामान्य जानकारी के लिए दिया गया है। हरिभूमि इसकी पुष्टि नहीं करता, अगर आपको स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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