Parenting Tips: बच्चों के सामने पार्टनर के साथ तो नहीं झगड़ते? पड़ सकता है उन पर बुरा असर, ध्यान रखें 5 बातें

Parenting Tips: बच्चों के सामने पति और पत्नी का झगड़ना कई बार बच्चों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

Updated On 2025-07-07 14:52:00 IST

बच्चों के सामने झगड़ना डाल सकता है मेंटल हेल्थ पर प्रभाव।

Parenting Tips: कहते हैं कि बच्चे अपने आसपास के माहौल से बहुत कुछ सीखते हैं। वे केवल वही नहीं सुनते जो आप उन्हें सिखाते हैं, बल्कि वे हर उस चीज़ को आत्मसात करते हैं जो वे घर में देख और महसूस करते हैं। माता-पिता के बीच का रिश्ता, आपसी बातचीत और व्यवहार बच्चों के मानसिक विकास पर गहरा असर डालता है। खासकर जब पेरेंट्स के बीच बहस या झगड़ा होता है, तो उसका असर बच्चे के मन पर लंबे समय तक बना रह सकता है।

अक्सर माता-पिता यह सोचते हैं कि बच्चों को कुछ समझ नहीं आता या वे ध्यान नहीं देते, लेकिन सच यह है कि बच्चों की भावनाएं बहुत संवेदनशील होती हैं। जब वे घर में तनाव, चिल्लाहट या गुस्सा महसूस करते हैं, तो यह उनके आत्मविश्वास, पढ़ाई, सामाजिक व्यवहार और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में पेरेंट्स को अपने रिश्ते में संयम और समझदारी बरतनी चाहिए, खासकर बच्चों के सामने। आइए जानें 5 अहम बातें जो हर माता-पिता को ध्यान में रखनी चाहिए।

बच्चों के सामने बहस या झगड़ा न करें

कोई भी रिश्ता पूरी तरह परफेक्ट नहीं होता, लेकिन जब गुस्से या बहस का माहौल बनता है, तो कोशिश करें कि बच्चे उस समय आसपास न हों। ऊंची आवाज़, चीखना-चिल्लाना या एक-दूसरे को अपशब्द कहना बच्चे के मन में डर और असुरक्षा पैदा कर सकता है।

इमोशनल सेफ्टी बनाना जरूरी है

बच्चों को यह महसूस होना चाहिए कि उनका घर एक सुरक्षित स्थान है। अगर घर में हर समय टेंशन या तनाव रहता है, तो वे भावनात्मक रूप से अस्थिर हो सकते हैं। यह उनकी नींद, भूख, और पढ़ाई पर सीधा असर डाल सकता है।

बातचीत के ज़रिए सुलझाएं मतभेद

अगर आपको किसी बात पर असहमति है, तो बातचीत और समझदारी से उसे सुलझाएं। बच्चे अगर यह देखें कि मम्मी-पापा शांत तरीके से मतभेद सुलझाते हैं, तो वे भी जीवन में कम आक्रामक और ज्यादा सहनशील बनते हैं।

बच्चे को न बनाएं बहस का हिस्सा

कभी-कभी माता-पिता अनजाने में बच्चे को बीच में खींच लेते हैं—“तुम बताओ मम्मी सही हैं या पापा?”—ऐसा करने से बच्चे के मन में गिल्ट, कन्फ्यूजन और तनाव पैदा हो सकता है। यह उनके आत्मसम्मान और भावनात्मक विकास को नुकसान पहुंचा सकता है।

बच्चे के साथ खुलकर बात करें

अगर कभी आपके बीच झगड़ा बच्चे के सामने हो गया हो, तो बाद में बच्चे से जरूर बात करें। उसे समझाएं कि बड़ों के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि परिवार में प्यार खत्म हो गया है। इससे बच्चा सुरक्षित महसूस करता है और भावनात्मक रूप से स्थिर रहता है।

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