Kids Eye Care: बच्चों को काजल लगाना चाहिए या नहीं? जानिए डॉक्टर क्या कहते हैं
Kids Eye Care: क्या बच्चों की आंखों में काजल लगाना सुरक्षित होता हैं। जानिए इससे जुड़े मिथक, सच और डॉक्टर की का क्या कहना है।
बच्चों की आंखों के लिए काजल नुकसानदायक (Image: grok)
Kids care Routine: अक्सर आपने देखा होगा कि, ज्यादातर घरों में नवजात शिशु के जन्म के कुछ दिनों में ही काजल लगाया जाता है। कोई कहता है नजर नहीं लगेगी, कोई कहता है आंखें बड़ी और खूबसूरत बनेंगी, तो कोई इसे “पीढ़ियों से चलता आ रहा नुस्खा” बताकर लगा देता है। लेकिन सवाल यह है कि, बच्चे की नाज़ुक आंखों के लिए काजल लगाना सुरक्षित है या नहीं?
इस विषय में बच्चों की डॉक्टर माधवी ने एक पॉडकास्ट के जरिए जानकारी देते हुए कहा कि, काजल में कार्बन होता है, चाहे आप उसे घर पर ही क्यों न बनाएं। कार्बन होने की वजह से काजल बच्चों की आंखों के लिए हानिकारक है, इसलिए छोटे बच्चों को काजल लगाने से बचना चाहिए।
अक्सर हमें लगता है कि घर का बना काजल बिल्कुल नेचुरल और बिना नुकसान वाला होता है। दीए की लौ से निकली कालिख या घी के दिये से बना काजल हमें “दादी–नानी का सुरक्षित नुस्खा” लगता है। लेकिन वैज्ञानिक नजरिए से देखें तो यह कालिख असल में बारीक कार्बन होता हैं।
कई परिवारों में काजल लगाना सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि एक तरह की मान्यता है। माना जाता है कि, काजल से नजर नहीं लगती, बच्चा जल्दी सोता है और आंखें तेज होती हैं। लेकिन जब हम इन मान्यताओं को वैज्ञानिक कसौटी पर परखते हैं, तो इनके समर्थन में कोई ठोस मेडिकल प्रमाण नहीं मिलता।
नन्ही आंखों के लिए खतरा बन सकता है काजल
जलन और एलर्जी: कार्बन और अन्य केमिकल्स आंखों में जलन, खुजली, लालपन और पानी आने का कारण बन सकते हैं। कुछ बच्चों में पलक और आस–पास की त्वचा पर रैश भी हो सकते हैं।
आृंखों में इंफेक्शन का खतरा: काजल लगाने के लिए इस्तेमाल होने वाली उंगलियां या स्टिक पूरी तरह साफ न हों, तो बैक्टीरिया सीधे आंख तक पहुंच सकते हैं।
लंबे समय का असर: बार–बार होने वाली इरिटेशन और इंफेक्शन से लंबे समय में आंखों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जो किसी भी माता–पिता की सबसे बड़ी चिंता होनी चाहिए।
घर का बना काजल क्यों नहीं है सुरक्षित
ज्यादातर लोगों को कहना है कि, घी के दीये से बना काजल तो सुरक्षित है। लेकिन दीये की कालिख में बारीक कार्बन होता है। बत्ती, तेल, दीया, और आस–पास का वातावरण पूरी तरह धूल, मिट्टी का होता है। इसलिए घर का बना हो या बाजार का हो, दोनों बच्चे की आंखों के लिए सुरक्षित नहीं हैं।
नजर से बचाने के सुरक्षित विकल्प
अगर परिवार या बुजुर्ग नजर से बचाने के लिए काजल लगाने को कहते हैं, तो आप प्यार से और सम्मान के साथ कुछ सुरक्षित विकल्प उन्हें बता सकते हैं।
- माथे पर हल्का सा टीका लगाने पर विचार कर सकते हैं।
- डॉक्टर की राय सुनने के लिए प्रेरित करें, ताकि वे भी समझ सकें कि यह ठीक नहीं है।
डॉ. माधवी के मुताबिक, काजल में मौजूद कार्बन और अन्य केमिकल्स बच्चों की नाज़ुक आंखों के लिए सुरक्षित नहीं हैं। चाहे वह घर पर बना हो या मार्केट से खरीदा गया हो, ऐसे में सबसे समझदारी भरा कदम यही है कि, हम अपने बच्चों की आंखों पर काजल लगाने की जगह उन्हें स्वच्छ, सुरक्षित और आरामदायक वातावरण में रखें।
(Disclaimer): ये लेख सामान्य जानकारी के लिए दिया गया है। हरिभूमि इसकी पुष्टि नहीं करता, अगर आपके घर में छोटा बच्चा है, तो डॉक्टर की सलाह लिए बिना उसकी आंखों या स्किन पर कुछ भी न लगाएं।
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