Rose Plantation: घर में गुलाब उगाना चाहते हैं? इस तरीके से प्लांटेशन कर देखभाल करें, आएगी फूलों की बहार

Rose Plantation: बागवानी के शौकीन लोग घर में गुलाब जरूर उगाते हैं। आप भी घर को गुलाब से भरा देखा चाहते हैं तो पौधा लगाने और देखभाल का तरीका जानें।

Updated On 2025-05-24 14:30:00 IST

घर में गुलाब उगाने के टिप्स।

Rose Plantation: गुलाब की देखभाल से ना सिर्फ आपके घर की शोभा बढ़ती है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है। गुलाब के फूल तोड़कर भी आप अपने पैटर्न में ताजगी ला सकते हैं या मेहमानों का स्वागत सुगंधित फूलों की माला से कर सकते हैं। इसके अलावा गुलाब की पत्तियों और फूलों का उपयोग घरेलू सौंदर्य उत्पादों, अरोमा थेरापी और आयुर्वेदिक उपायों में भी होता है।

घर में गुलाब उगाने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि आप रासायनिक कीटनाशकों और बड़े उर्वरकों के बजाय प्राकृतिक तरीके अपना सकते हैं। इससे पौधा स्वास्थ्यपूर्ण तरीके से बढ़ता है और आपके आस-पास की हवा भी तरोताजा रहती है। आइए अब जानते हैं, किन-किन चरणों में आप अपने घर पर गुलाब उगा सकते हैं।

सामग्री और तैयारी

गमला/पॉट: कम से कम 12–16 इंच गहरा हो।

मिट्टी: अच्छी निकासी वाली गमला मिट्टी, रेत और कंपोस्ट का मिश्रण (2:1:1)।

गुलाब का चारा: बागवानी केंद्र से स्वस्थ कलम या छोटे पौधे।

खाद एवं कम्पोस्ट: गोबर खाद या वर्मी कंपोस्ट।

कीटनाशक व जैविक इलाज: नीम का तेल, साबुन का पानी।

मिट्टी का चयन और बर्तन

गमले में सबसे नीचे छोटे कंकड़-ब्लॉक्स रखें ताकि अतिरिक्त पानी बाहर निकल सके। इसके ऊपर तैयार मिश्रण भरें। मिट्टी ढीली होनी चाहिए ताकि जड़ें आसानी से फैल सकें और पानी रुक-रुक कर जा सके।

रोपण की विधि

गमले की मिट्टी में लगभग 2–3 इंच गहरा गड्ढा बनाएं।

पौधे को धीरे से निकालकर मिट्टी की गाँठ बचाते हुए गड्ढे में रखें।

चारों ओर मिट्टी से अच्छी तरह दबाकर पौधा सीधा करें।

रोपण के बाद तुरंत हल्की सिंचाई करें।

सिंचाई और नमी बनाए रखना

सप्ताह में 2–3 बार गमले की मिट्टी को जांचें। ऊपर की दो इंच मिट्टी सूखने पर पानी दें, लेकिन कभी पानी जमा न होने दें। गर्मी में रोज़ सुबह या शाम को सिंचाई करें, ठंड में सप्ताह में एक बार पर्याप्त होगा।

खाद और पोषण

पौधे लगने के तीन हफ्ते बाद गोबर खाद या वर्मी कंपोस्ट दायें-बायें डालें।

फूल आने से पहले और बाद में पानी में घुले जैविक उर्वरक (लीवर-मिल्क या नीम-चूर्न) का छिड़काव करें।

छंटाई और तराशना

शुष्क या पीली पत्तियों को नियमित रूप से तोड़ें।

फूल खिल जाने के बाद ‘डैडहेडिंग’ यानी मुरझाए फूलों को तोड़ दें, इससे नए फूल उगने में मदद मिलती है।

सर्दियों में जड़ की सुरक्षा के लिए पत्तियों का मुल्च लगाएं।

रोग और कीट नियंत्रण

पाउडरी मिल्ड्यू, ब्लैक स्पॉट आदि पर नीम का तेल छिड़कें।

एफिड्स या चींटी दिखें तो साबुन के घोल से पौधे को स्प्रे करें।

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