Sonali Bendre Reveals: सोनाली बेंद्रे ने बताई 90's की 'आईटी गर्ल' न बनने की कहानी, बोली- 'सीधे बाल, पतली कमर...'
अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में बताया कि 90s में बॉलीवुड में उन्हें आईटी गर्ल क्यों नहीं माना जाता था।
चका-चौंध से भरी फिल्मी दुनिया में अक्सर कलाकारों को सुंदरता के एक तय पैमाने पर परखा जाता है। 90 के दशक में अपनी मासूम मुस्कान और सादगी भरे लुक से दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाने वाली बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा सोनाली बेंद्रे ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बड़ा खुलासा किया है, जिसमें उन्होंने अपने करियर की शुरुआती मुश्किलों को साझा करते हुए 90s की आईटी गर्ल न बनने के पीछे की दिलचस्प कहानी भी सुनाई।
इस दौरान सोनाली ने कहा, “90 के दशक में मुझे 'आईटी गर्ल' नहीं माना जाता था, जबकि कई औरों को माना गया। मैं तब भी एक अलग इंसान थी। जब मैं आई, तो ट्रेंड ये था कि हीरोइन के घने, घुंघराले बाल हों और फिगर थोड़ा भरा-पूरा। मैं थी एकदम पतली, सीधे बालों वाली और ये बॉलीवुड को उतना भाया नहीं।”
हालांकि स्क्रीन पर सोनाली ने लाखों दिलों को अपने सीधे बालों और मासूम मुस्कान से जीत लिया, लेकिन कैमरे के पीछे इंडस्ट्री के ब्यूटी स्टैंडर्ड्स उन्हें लगातार चुनौती देते रहे।
बालों को बदलने की की थी कोशिश
आगे सोनाली बताती हैं कि उन्होंने अपने बालों को ट्रेंडी बनाने की कोशिश की। उन्होंने बालों को कर्ल किया, स्टाइल किया, लेकिन आखिर में उनके बाल फिर से सीधे ही लौट आते थे। “मेरे बाल इतने सीधे हैं कि कर्ल करना मुश्किल होता था, और मेरे पास जितने बाल थे, उन्हें खुला छोड़ना ही आसान था।”
बॉलीवुड के ब्यूटी स्टैंडर्ड्स पर कटाक्ष
सोनाली ने बताया कि “उन्हें थोड़ा ज़्यादा ‘सुडौल’ लुक पसंद था।” ये लाइन सिर्फ उनके लुक्स पर नहीं, बल्कि उस समय के सौंदर्य की परिभाषा पर भी करारा कटाक्ष है। चाहे 'हम साथ साथ हैं' हो या 'सरफ़रोश', 'हमारा दिल आपके पास है' हो या 'दिलजले', सोनाली ने हर फिल्म में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
बता दें कि सोनाली बेंद्रे ने सिर्फ हिंदी फिल्मों में, बल्कि तेलुगु सिनेमा में भी शानदार प्रदर्शन किया। चिरंजीवी के साथ 'इंद्र', 'खड्गम' और 'मनमधुडु' जैसी हिट्स इसका सबूत हैं।