'शर्मा की दुल्हन...' फेविकॉल से कैडबरी तक: पीयूष पांडे के वो मशहूर विज्ञापन जो आज भी दिलों में बसते हैं

भारतीय विज्ञापन जगत के दिग्गज पीयूष पांडे का 70 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। अपनी क्रिएटिव सोच और भारतीय भावनाओं से जुड़े विज्ञापनों के जरिए उन्होंने देश के हर घर तक असर छोड़ा। एक नजर उनके मशहूर विज्ञापनों पर।

Updated On 2025-10-24 15:15:00 IST
पीयूष पांडे के मशहूर विज्ञापन

Piyush Pandey famous ads: 'शर्मा की दुल्हन जो ब्याह के आई....' ये विज्ञापन जितना टीवी पर मशहूर हुआ था, उससे कई गुना ज्यादा इन दिनों इंटरनेट पर छाया हुआ है। इस मशहूर एड को बनाने वाले दिग्गज एडमेकर पीयूष पांडे अब इस दुनिया में नहीं रहे। पीयूष पांडे का 70 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह भारतीय विज्ञापन जगत के ‘फादर’ कहे जाते थे।

उन्होंने ऐसे विज्ञापन बनाए जो सिर्फ प्रोडक्ट नहीं बेचते थे, बल्कि भावनाएं, अपनापन और भारतीय पहचान को भी बखूबी पेश करते थे। पीयूष पांडे के विज्ञापनों ने आम लोगों की भाषा में कहानी कही- वह भाषा जो दिल से निकले और सीधे दिल में उतर जाए। उनके बनाए कुछ यादगार विज्ञापन आज भी भारतीय विज्ञापन जगत की मिसाल माने जाते हैं।

1. फेविकॉल- 'ये फेविकॉल का जोड़ है, टूटेगा नहीं'

पियूष पांडे और फेविकॉल का रिश्ता भारतीय विज्ञापन इतिहास का अभिन्न हिस्सा है।

फेविकॉल बस एड: भीड़ से ठसाठस भरी बस जो रास्ते में भी नहीं टूटती, क्योंकि उसके पीछे लिखा होता है- “फेविकॉल – द अल्टीमेट एडहेसिव।”

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फेविकॉल एग एड: एक मुर्गी जो फेविकॉल से “खाना” खाती है और ऐसा अंडा देती है जिसे कोई तोड़ नहीं पाता।

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फेविक्विक फिशिंग एड: एक स्थानीय मछुआरा फेविक्विक लगाकर मछलियां पकड़ता है, जबकि बगल में खड़ा शौकिया मछुआरा खाली हाथ रह जाता है।

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2. फेविकॉल- 'शर्मा की दुल्हन...'

इस विज्ञापन ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं। विज्ञापन में दिखाया गया है कि कैसे सालों पहले शर्मा जी की दुल्हन को शादी के दहेज में मिला एक सोफा अपने ससुराल लाती हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी आगे पढ़ता जाता है। पुराने जमाने से लेकर 21वीं शताब्दी में भी कैसे फेविकॉल के जोड़ से बना ये सोफा अब तक टूटा या खराब नहीं हुआ और आगे भी कई दशकों तक बढ़ता जा रहा है। 

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3. कैडबरी डेयरी मिल्क — “कुछ खास है… ज़िंदगी में”

इस विज्ञापन में एक लड़की क्रिकेट मैदान पर दौड़ती हुई आती है और अपने साथी की जीत पर झूम उठती है। यह विज्ञापन अपने समय के लिए क्रांतिकारी था- इसमें नारी को खुशियों की आज़ादी के साथ दिखाया गया।

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4. पल्स पोलियो- “दो बूंद ज़िंदगी की

अमिताभ बच्चन की आवाज़ में चलाया गया यह अभियान हर भारतीय के ज़ेहन में बस गया- “दो बूंद ज़िंदगी की।”  इस अभियान की भावनात्मक अपील ने पूरे देश में पोलियो वैक्सिनेशन को आंदोलन का रूप दे दिया और भारत को पोलियो-मुक्त राष्ट्र बनने में बड़ी भूमिका निभाई।

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5. एशियन पेंट्स- “हर घर कुछ कहता है”

घर को सिर्फ दीवारों का ढांचा नहीं, एक कहानी का प्रतीक बताने वाला यह विज्ञापन बेहद भावनात्मक था। पियूष पांडे ने पेंट को रंगों से आगे बढ़ाकर भावनाओं और यादों से जोड़ दिया।

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6. वोडाफोन (हच)- “यू एंड आई, इन दिस ब्यूटिफुल वर्ल्ड”

एक छोटे बच्चे के साथ चलता प्यारा-सा पग कुत्ता जिसने पूरे देश का दिल जीत लिया — “जहां तुम, वहां हमारा नेटवर्क।” इस विज्ञापन ने नेटवर्क की विश्वसनीयता को इतने सादे और प्यारे अंदाज़ में दिखाया कि पग कुत्ता “हच डॉग” के नाम से मशहूर हो गया।

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