Jharkhand Board Paper Leak: झारखंड बोर्ड कक्षा 10वीं का पेपर लीक, हिंदी और विज्ञान की परीक्षा रद्द

Jharkhand Board 10th Science Paper Leaked: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) की दसवीं बोर्ड परीक्षा का साइंस पेपर लीक हो गया। यह परीक्षा गुरुवार सुबह आयोजित की गई थी। जबकि हिंदी की परीक्षा 18 फरवरी को हुई थी।

Updated On 2025-02-20 17:27:00 IST
Jharkhand Board Class 10th paper leaked

Jharkhand Board 10th Science Paper Leaked: झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) की 10वीं बोर्ड परीक्षा का साइंस पेपर लीक हुआ। यह परीक्षा गुरुवार सुबह हुई थी। जबकि हिंदी की परीक्षा 18 फरवरी को हुई थी। काउंसिल ने पेपर लीक होने की पुष्टि की है, जिसके बाद साइंस और हिंदी की परीक्षा को रद्द कर दिया गया है।

झारखंड में मैट्रिक परीक्षा के हिंदी और विज्ञान के प्रश्नपत्र लीक होने की पुष्टि के बाद राज्य में हड़कंप मच गया है। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) ने दोनों परीक्षाओं को रद्द कर दिया है और उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इस घटना ने न केवल परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि छात्रों और अभिभावकों में भी गहरी चिंता पैदा कर दी है।

पेपर लीक का खुलासा: 
खबरों के अनुसार, हिंदी और विज्ञान के पेपर मात्र 350 रुपये में व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बेचे जा रहे थे। पेमेंट क्यूआर कोड के जरिए लिया जा रहा था, और प्रश्नपत्र को अनलॉक करने के लिए पासवर्ड प्रदान किया गया था। यह मामला सबसे पहले कोडरमा और गिरिडीह जिलों से सामने आया, लेकिन बाद में पलामू और रांची तक फैल गया।

शिक्षा परिषद की प्रतिक्रिया:
छात्र नेता देवेंद्रनाथ महतो ने 19 फरवरी को JAC के सचिव जयंत मिश्र से मुलाकात कर लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। प्रारंभ में काउंसिल ने इन खबरों को भ्रामक बताया, लेकिन जब परीक्षा शुरू होने के बाद वायरल प्रश्नपत्र असली पेपर से मेल खा गया, तो मामले ने तूल पकड़ लिया।

राज्य सरकार की कार्रवाई:
जैसे ही इस घोटाले की पुष्टि हुई, झारखंड एकेडमिक काउंसिल में अफरातफरी मच गई। सरकार को इसकी तत्काल सूचना दी गई, जिसके बाद मुख्य सचिव ने उच्चस्तरीय आपात बैठक बुलाई। JAC के अध्यक्ष नटवा हांसदा ने मामले की गहराई से जांच कराने का आश्वासन दिया है।

छात्रों और अभिभावकों में आक्रोश:
पेपर लीक की खबर से छात्रों और उनके परिवारों में गुस्सा और चिंता बढ़ गई है। अभिभावकों का कहना है कि परीक्षा प्रणाली में इस तरह की लापरवाही से उनके बच्चों के भविष्य पर बुरा असर पड़ सकता है। कई छात्र इस घटना के कारण मानसिक तनाव में आ गए हैं।

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