खुशखबरीः अब ई-टिकट के वेटिंग पर भी कर पाएंगे सफर, दस्तावेजों पर सेल्फ अटेस्ट ही काफी
अटेस्टेड और ई-वेटिंग के झंझत से लोगों को मिली मुक्ति।;

नई दिल्ली. देशवासियों को केंद्र सरकार ने दो बड़ी राहत दी हैं। पहली यह कि रेल मंत्रालय ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद ई-टिकट और काउन्टर टिकट में वेटिंग का अंतर खत्म कर दिया है। अभी काउन्टर से टिकट खरीदने वाले वेटिंग लिस्ट के यात्रियों को ट्रेन में सवार होने की इजाजत दी जाती है जबकि वेटिंग लिस्ट के ई-टिकट धारियों को इसकी इजाजत नहीं दी जाती है। लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद से इस नियम को बदला जा रहा है अब ई-वेटिंग टिकट धारी भी ट्रेन में सफर कर पाएंगे।
दूसरी अच्छी खबर यह कि अब सरकारी कामकाजों के लिए गजटेड ऑफिसर या नोटरी से दस्तावेजों को प्रमाणित कराने की जरूरत नहीं होगी। सेल्फ अटेस्टेड दस्तावेज ही मान्य होंगे। केंद्र सरकार के इन फैसलों से पूरे देश वासियों को एक बड़ी राहत मिली है। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्यों से कहा गया है कि वह उन जरूरतों की समीक्षा करे, जहां ऐसे एफिडेविट की जरूरत पड़ती है। वहां भी सेल्फ अटेस्टेड दस्तावेजों को ही लागू किया जाए।
अधिकारी ने कहा कि एफिडेविट कराना एक जटिल प्रक्रिया है। इसके लिए लोगों को सौ रुपए से पांच सौ रुपए तक देने पड़ते हैं। वहीं अधिकतर गजटेड अधिकारी जरूरी कागजात नहीं होने पर प्रमाणित भी नहीं करते हैं। ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में सबसे ज्यादा गंभीर स्थिति है। उन्हें अपने दस्तावेजों के प्रमाणिकता को साबित करने के लिए दूर शहरों तक आना पड़ता है। इसी कारण सेल्फ अटेस्टेड को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, कोर्ट में दायर याचिका में ई-टिकट और काउंटर टिकट में क्या कहा गया था-
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