Hybrid Mutual Funds: क्या होता है हाइब्रिड म्यूचुअल फंड? जानिए कौन-कौन से होते हैं म्यूचुअल फंड
Hybrid Mutual Funds: आजकल लोगों की दिलचस्पी म्यूचुअल फंड में काफी ज्यादा हो गई है। जानते हैं ये कितने प्रकार के होते हैं।
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड से जुड़ी ज़रूरी टिप्स।
Hybrid Mutual Funds: लोगों की म्यूचुअल फंड को लेकर दिलचस्पी दिन पर दिन बढ़ने लगी है। ये निवेश का काफी लोकप्रिय तरीका बन चुका है। निवेशक अपना पैसा किसी प्रोफेशनल फंड मैनेजर के जरिए शेयर, बॉन्ड, डेब्ट इंस्ट्रूमेंट और अन्य एसेट्स में लगाते हैं। इनमें से हाइब्रिड म्यूचुअल फंड खास चर्चा में रहते हैं, क्योंकि ये इक्विटी और डेब्ट दोनों में निवेश का संतुलन बनाते हैं।
आजकल निवेशकों की प्राथमिकताएं तेजी से बदल रही हैं। लोग न सिर्फ अच्छे रिटर्न चाहते हैं, बल्कि अपने पोर्टफोलियो में स्थिरता भी बनाए रखना चाहते हैं। ऐसे में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड एक बेहतरीन विकल्प माने जाते हैं। आइए जानते हैं हाइब्रिड म्यूचुअल फंड और म्यूचुअल फंड्स के प्रकारों के बारे में।
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड क्या होते हैं?
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड ऐसे फंड होते हैं, जो निवेशकों का पैसा इक्विटी (शेयर मार्केट) और डेब्ट (बॉन्ड, सरकारी सिक्योरिटीज) दोनों में लगाते हैं। इसका मकसद इक्विटी से ज्यादा रिटर्न और डेब्ट से स्थिरता पाना होता है। उदाहरण के तौर पर, अगर शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव आता है तो डेब्ट निवेश नुकसान को कम करने में मदद करता है।
हाइब्रिड फंड के भी अलग-अलग प्रकार होते हैं, जैसे एग्रेसिव हाइब्रिड फंड, कंजरवेटिव हाइब्रिड फंड, और बैलेंस्ड एडवांटेज फंड, जो इक्विटी और डेब्ट के अनुपात के आधार पर तय किए जाते हैं।
म्यूचुअल फंड के प्रकार
इक्विटी म्यूचुअल फंड
इक्विटी म्यूचुअल फंड काफी पॉपुलर हैं। ये फंड शेयर बाजार में निवेश करते हैं। इनमें इन्वेस्टमेंट करने से निवेशकों को हाई रिटर्न मिलता है। हालांकि, इसी के साथ ये फंड्स हाई रिस्क भी लिए होते हैं। इस तरह के म्यूचुअल फंड लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए फायदेमंद हैं।
डेब्ट म्यूचुअल फंड
डेब्ट म्यूचुअल फंड में पैसा सरकारी बॉन्ड, कॉर्पोरेट डिबेंचर, और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में निवेश किया जाता है। इन फंड्स में पैसा लगा लो रिस्क लिए होता है और इसमें स्थिर रिटर्न मिलते हैं।
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स इक्विटी और डेब्ट दोनों ही फंड्स का मिश्रण होते हैं। इनमें रिस्क और रिटर्न का संतुलन बनाया जाता है। ऐसे निवेशक जो कम रिस्क लेना चाहते हैं उनके लिए ये फंड उपयुक्त है।
इंडेक्स फंड
इस तरह के फंड इंडेक्स को ट्रेक करते हैं और ये मार्केट के उतार या चढ़ाव पर रिस्क और रिटर्न आधारित होता है। ये खास इंडेक्स जैसे Nifty 50 या Sensex को ट्रैक करते हैं।
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम
इसे ईएलएसएस भी कहा जाता है। इस तरह की स्कीम में इनकम टैक्स की सेविंग होती है। इसके साथ ही ये पैसा इक्विटी में निवेश किया जाता है। आमतौर पर इसमें 3 साल का लॉक इन पीरियड रखा जाता है।