Stock Market Today: सेंसेक्स डे हाई से 600 अंक गिरा, निफ्टी भी 26150 से नीचे आया; बाजार क्यों गिरा?
Stock Market Today: सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड हाई से फिसले। दोपहर तक सेंसेक्स 600 अंक टूट गया और निफ्टी 26150 के नीचे आ गया। रुपये के रिकॉर्ड लो, FII सेलिंग और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने बाजार पर दबाव बढ़ाया है।
भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को गिरावट हुई।
Stock Market Today: भारतीय शेयर बाजार के लिए हफ्ते की शुरुआत अच्छी नहीं रही। सोमवार सुबह रिकॉर्ड हाई छूने के बाद सेंसेक्स और निफ्टी दोपहर होते-होते बुरी तरह फिसल गए। निवेशकों ने मुनाफावसूली की और कमजोर ग्लोबल संकेतों ने गिरावट को और बढ़ा दिया। साथ ही, रुपया ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंचने से भी सेंटीमेंट पर जोरदार चोट लगी।
सुबह सेंसेक्स 452 अंक उछलकर 86159 के नए हाई पर पहुंचा था जबकि निफ्टी ने 26325 का रिकॉर्ड बनाया। लेकिन दोपहर 12.30 बजे तक सेंसेक्स 600 अंक टूटकर 85556 के स्तर पर आ गया। निफ्टी भी 26150 के नीचे फिसल गया।
टाइटन, बजाज फाइनेंस और सन फार्मा जैसे दिग्गज स्टॉक्स 1% तक टूटे जबकि कोटक बैंक और अदाणी पोर्ट्स में 2% तक तेजी दिखी। मार्केट ब्रेड्थ भी कमजोर रही-2011 शेयर गिरे जबकि 1717 शेयर ही ऊपर टिक सके।
बाजार क्यों टूटा? इसके बड़े कारण जान लीजिए
1.रुपया ऑल-टाइम लो पर
सोमवार को रुपया 89.76 प्रति डॉलर तक गिर गया,जो इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है। मजबूत जीडीपी आंकड़ों के बावजूद रुपया लगातार कमजोर हो रहा है,जिससे विदेशी निवेशकों का भरोसा डगमगा रहा।
2. RBI से रेट कट की उम्मीद खत्म
जीडीपी तेज होने के बाद बाजार को डर है कि रिजर्व बैंक अब जल्द ब्याज दरें नहीं घटाएगा। 10 साल की बॉन्ड यील्ड 6.47% से बढ़कर 6.52% हो गई है। बार्कलेज ने भी कहा कि 5 दिसंबर को रेट कट की संभावना लगभग खत्म है।
3. ग्लोबल मार्केट से खराब संकेत
एशियाई बाजारों में गिरावट हो रही है। जापान का निक्केई 2% टूटा है। अमेरिकी फ्यूचर्स 1 फीसदी तक नीचे है। जापानी येन मजबूत, बॉन्ड यील्ड 2008 के बाद की ऊंचाई पर। इन सभी कारणों ने जोखिम उठाने की निवेशकों की इच्छा को कम किया।
FII की लगातार बिकवाली
विदेशी निवेशक नवंबर में भी भारी बिकवाली कर रहे हैं। सिर्फ शुक्रवार को एफआईआई ने 3795 करोड़ रुपये की सेलिंग की। नवंबर में नेट FII फ्लो अभी भी निगेटिव है।
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल
ब्रेंट क्रूड 1.62% बढ़कर $63.39 प्रति बैरल पहुंच गया। ओपेक प्लस ने जनवरी-मार्च 2026 के लिए उत्पादन स्थिर रखने का फैसला लिया है। तेल की कीमत बढ़ना भारत के लिए सीधा झटका है।
मैन्युफैक्चरिंग PMI 9 महीने के लो पर
नवंबर पीएमआई के कमजोर आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी है। एचएसबीसी के मुताबिक मार्च तिमाही में GDP ग्रोथ और नरम हो सकती है।
(प्रियंका कुमारी)