फ्रंट रनिंग केस: सेबी ने 13 लोगों और HUFs को शेयर बाजार से किया बैन, 1 से 3 साल की पाबंदी
सेबी ने फ्रंट रनिंग केस में 13 लोगों और HUFs को शेयर बाजार से बैन किया। आरोपियों ने क्लाइंट्स के ऑर्डर से पहले ट्रेड्स डालकर 2.06 करोड़ रुपये कमाए।
सेबी ने फ्रंट ट्रेडिंग से जुड़े मामलों में कुछ लोगों पर बैन लगाया।
Front Running Trade case: शेयर बाजार नियामक सेबी ने फ्रंट रनिंग के एक मामले में सख्त कार्रवाई की। सेबी ने 13 व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUFs) को शेयर बाजार में ट्रेडिंग से 1 से 3 साल तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया। यह मामला कुल 30 नोटिसी से जुड़ा था, जिनमें से 13 पर दोष सिद्ध हुआ।
यह मामला तीन ट्रस्टों, भारत कन्हैयालाल शेठ फैमिली ट्रस्ट, रवि कन्हैयालाल शेठ फैमिली ट्रस्ट और अर्जुन डिस्क्रेशनरी ट्रस्ट, यानी बिग क्लाइंट के नाम से जाने जाने वाले समूह से जुड़ा है। जांच में पाया गया कि इन ट्रस्ट के ऑर्डर लगाने से पहले कुछ लोगों ने अपने ट्रेड्स डाल दिए थे और बाद में मुनाफा कमाने के लिए सौदे बंद कर दिए। यह पूरी गतिविधि जनवरी 2021 से अक्टूबर 2022 के बीच एनएसई के इक्विटी सेगमेंट में हुई थी।
सेबी की जांच में सामने आया कि ये ट्रेड्स एनजेके सिक्योरिटीज के जरिए किए गए, जो एंजेल वन लिमिटेड का सब-ब्रोकर था। इस प्रक्रिया से 2.06 करोड़ रुपये का अवैध लाभ कमाया गया।
सेबी की जांच में क्या मिला?
सेबी के अनुसार, एनजेके सिक्योरिटीज के मालिक को बिग क्लाइंट के ट्रेड्स की जानकारी पहले ही दी जाती थी, जिसके आधार पर आगे की खरीद-बिक्री होती थी। जांच में पाया गया कि आरोपी पक्ष के ट्रेड्स का पैटर्न फ्रंट रनिंग के सामान्य तरीके से मेल खाता है यानी, पहले खरीदना और फिर क्लाइंट के ऑर्डर के बाद तुरंत बेच देना।
सेबी ने पाया कि कई नोटिसी अपने HUF के कर्ता के रूप में जोड़े गए थे और सभी के बीच बार-बार संपर्क हुआ था। ट्रेड्स भी एनजेके सिक्योरिटीज के खातों के जरिये किए गए थे। एंजेल वन पर भी लापरवाही का आरोप लगा। उसने अपने अधिकृत एजेंट के माध्यम से किए गए ट्रेड्स के रिकॉर्ड ठीक से नहीं रखे। इस मामले को कंपनी ने 21 लाख रुपये के सेटलमेंट के साथ निपटाया।
किन पर पड़ी गाज
सेबी ने जिन पर कार्रवाई की, उनमें प्रमुख नाम शामिल हैं- शंकर तुकाराम वदतकर (3 साल), साक्षी शंकर वदतकर (2 साल), चेताली शाह (2 साल), शाह स्वप्निल उदय HUF (2 साल), दिपेश मेहता HUF (2 साल), पियूष मेहता HUF (2 साल), हंसराज रंधीर शाह HUF (2 साल), रंधीर विरजी शाह HUF (1 साल), पिनाकिन हंसराज शाह HUF (1 साल), राहुल हंसराज शाह HUF (2 साल), अंकैश महेंद्र जैन HUF (1 साल) और डॉ. कुमारस्वामी आर. दुस्सा HUF (1 साल)।
इन सभी को अपने खुले डेरिवेटिव पोजिशन तीन महीने में बंद करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, उनके बैंक खाते केवल जुर्माना भुगतान के लिए ही संचालित होंगे।
(प्रियंका कुमारी)