Home Loan tips: होम लोन जल्दी चुकाएं या उस पैसे को निवेश करें? समझिए आसान भाषा में सही फैसला
Home Loan tips: अगर होम लोन की ब्याज दर फीसदी से ज्यादा है तो लोन प्रीपेमेंट बेहतर है। 7 फीसदी या उससे कम ब्याज दर वाले लोन में निवेश से ज्यादा फायदा मिलता है।
होम लोन का पैसा जल्दी चुकाएं या उसे कहीं निवेश कर दें, क्या सही।
Home Loan tips: हर होम ओनर के मन में कभी न कभी ये सवाल आता है कि क्या घर के लोन को जल्दी चुका देना बेहतर है या उस पैसे को कहीं निवेश कर देना समझदारी होगी? जवाब सीधा नहीं है, क्योंकि ये आपके लोन की ब्याज दर, रिस्क लेने की क्षमता और दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है।
अगर आपके होम लोन की ब्याज दर 9 फीसदी या उससे ज्यादा है, तो लोन की एडवांस पेमेंट करना समझदारी भरा कदम हो सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि लोन का हिस्सा चुकाने से जो ब्याज बचता है, वह अक्सर फिक्स्ड डिपॉजिट या किसी लो-रिस्क निवेश से ज्यादा फायदा देता है।
लोन प्रीपेमेंट का एक बड़ा फायदा मानसिक सुकून भी है, जब घर पूरी तरह आपका हो जाता है, तो ईएमआई का बोझ खत्म और आर्थिक आजादी का अहसास बढ़ता है। अगर आप रिटायरमेंट के करीब हैं या कर्ज से दूर रहना पसंद करते हैं, तो यह कदम आपके लिए सबसे सही रहेगा।
कब निवेश करना है ज्यादा फायदेमंद?
अगर आपके लोन की ब्याज दर कम है- मान लीजिए 7 फीसदी या उससे नीचे, तो पैसा निवेश करना ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। लंबे समय में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स जैसे निवेश सालाना 10 से 12 फीसदी तक का औसत रिटर्न दे सकते हैं, जो लोन प्रीपेमेंट से बचाए गए ब्याज से कहीं ज्यादा होता है। अगर आपकी आमदनी स्थिर है, इमरजेंसी फंड तैयार है और बीमा कवरेज भी पर्याप्त है, तो निवेश का रास्ता आपके लिए बेहतर रहेगा।
मानसिक शांति का पहलू भी जरूरी
अंकों से परे एक अहम पहलू है मनोवैज्ञानिक सुकून। कुछ लोग कर्ज-मुक्त होकर चैन की नींद सोते हैं, भले ही रिटर्न थोड़ा कम मिले। वहीं कुछ लोग अपने पैसे को बढ़ते देख ज्यादा आत्मविश्वास महसूस करते हैं। फैसला वही सही होगा जो आपको मानसिक रूप से सुकून दे।
बीच का रास्ता भी अपनाएं
जरूरी नहीं कि आप एक ही विकल्प चुनें। आप साल में एक-दो बार थोड़ा-थोड़ा लोन का प्री-पेमेंट कर सकते हैं और साथ में नियमित निवेश जारी रख सकते हैं। इससे आपका लोन टेन्योर घटेगा और निवेश पर कंपाउंडिंग का फायदा भी मिलता रहेगा।
अगर आपके होम लोन पर ब्याज दर ज्यादा है, तो प्रीपेमेंट समझदारी है। लेकिन अगर दर कम है और आप निवेश में अच्छे रिटर्न हासिल कर सकते हैं, तो पैसे को बढ़ने देना ज्यादा फायदेमंद होगा। आखिर में बात सिर्फ गणित की नहीं, बल्कि संतुलन की भी है। कर्ज-मुक्त होना अच्छा है, लेकिन समझदारी से पैसा बढ़ाना और भी बेहतर।
(प्रियंका कुमारी)