IT Job Layoffs: एआई का असर, 2025 में टेक इंडस्ट्री में अबतक 1 लाख लोगों की नौकरी गई

IT Job Layoffs: साल 2025 में अब तक 1 लाख से ज्यादा लोगों की नौकरी जा चुकी है, 218 कंपनियों ने छंटनी की है। इंटेल, अमेज़न, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और मेटा जैसी दिग्गज कंपनियां AI पर फोकस के लिए स्टाफ घटा रही।

Updated On 2025-11-02 17:18:00 IST

IT Layoffs in 2025: एआई की वजह से इस साल टेक इंडस्ट्री में एक लाख लोगों की नौकरियां गईं। 

IT Job Layoffs: साल 2025 टेक सेक्टर के लिए अब तक के सबसे मुश्किल सालों में से एक बन गया। दुनिया भर में 1 लाख से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी चली गई। एक टेक वेबसाइ़ट लेऑफ्स.एफआईवाय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 218 कंपनियां छंटनी की राह पर चल चुकी। सिलिकॉन वैली से लेकर बेंगलुरु तक कंपनियां अब अपने फोकस को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड सर्विस और मुनाफे पर शिफ्ट कर रहीं।

इस साल की सबसे बड़ी छंटनी इंटेल ने की है। कंपनी ने करीब 24 हजार कर्मचारियों को हटाने का फैसला लिया, जो उसके कुल वर्कफोर्स का लगभग 22 फीसदी है। यह कदम अमेरिका, जर्मनी, कोस्टा रिका और पोलैंड की यूनिट को प्रभावित कर रहा। इंटेल यह कदम एनवीडिया और एएमडी से प्रतिस्पर्धा में फिर से बढ़त हासिल करने के लिए उठा रही।

अमेज़न ने 14 हजार जॉब कट की

अमेज़न ने भी अपने ऑपरेशंस, एचआर और क्लाउड डिवीज़न से 14 हजार कॉरपोरेट नौकरियां खत्म की। कंपनी के सीईओ एंडी जैसी ने कहा कि यह कदम अमेज़न को दुनिया का सबसे बड़ा स्टार्टअप बनाए रखने के लिए उठाया गया है ताकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में निवेश के लिए संसाधन मिल सकें।

माइक्रोसॉफ्ट ने इस साल कई राउंड में 9 हजार कर्मचारियों की छंटनी की है। सबसे ज्यादा असर इसके प्रोडक्ट और सॉफ्टवेयर डिवीज़न पर पड़ा। वहीं, गूगल और मेटा ने भी अपने एंड्रॉयड, हार्डवेयर और एआई टीमों में कटौती की है ताकि खर्च कम किया जा सके और दोहराव वाली भूमिकाएं हटाई जा सकें। ओरेकल ने भी अमेरिका में सैकड़ों नौकरियों में कटौती की है और अब अपना फोकस AI-आधारित क्लाउड प्लेटफॉर्म पर कर रही है।

भारतीय आईटी सेक्टर में भी असर

भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने भी जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही में 20 हजार नौकरियां घटाईं। यह कंपनी के इतिहास की सबसे बड़ी तिमाही छंटनी है। टीसीएस ने कहा कि यह एआई-आधारित पुनर्गठन और स्किल गैप की वजह से किया गया है। अन्य भारतीय आईटी कंपनियां भी अब हायरिंग को लेकर सतर्क हैं क्योंकि ऑटोमेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कई मिड-लेवल जॉब्स की जरूरत को कम कर रहे हैं।

टेक से परे कंपनियां भी कर रहीं कटौती

छंटनी की यह लहर अब टेक इंडस्ट्री से बाहर भी पहुंच गई है। यूपीएस अपने इतिहास की सबसे बड़ी छंटनी में 48 हजार कर्मचारियों को हटा रही है, वहीं फोर्ड 8 से 13 हजार नौकरियां खत्म करने की योजना में है ताकि इलेक्ट्रिक व्हीकल यूनिट्स को सुचारू बनाया जा सके।

पीडब्ल्यूसी ने भी टैक्स और ऑडिट में एआई इंटीग्रेशन के चलते 5.5 हजार लोगों को नौकरी से निकाला है, जबकि पैरामाउंट ग्लोबल ने स्ट्रीमिंग घाटे और कमजोर विज्ञापन मांग के कारण 2 हजार नौकरियां घटाईं। यह आंकड़ा दिखाता है कि एआई, ऑटोमेशन और लागत में कटौती अब वैश्विक रोजगार परिदृश्य को तेजी से बदल रहे हैं।

(प्रियंका कुमारी)

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