Bank Account: अकाउंट होल्डर और नॉमिनी न रहें तो जमा पैसा किसे मिलेगा? ये बात जानना है ज़रूरी

Bank Account Money After Death: अकाउंट होल्डर और नॉमिनी दोनों की मौत के बाद बैंक खाते में जमा पैसा और एफडी पर किसका हक होता हैं। जानते हैं इस बारे में...

Updated On 2025-08-06 16:47:00 IST

बैंक खाते से जुड़े जरूरी नियम। (Image-AI)

Bank Account Money After Death: हर किसी का बैंक खाता जरूरी होता है और साथ ही उस खाते से कम से कम एक नॉमिनी भी जोड़ा जाता है। दरअसल, बैंक द्वारा ऐसा अकाउंट होल्डर के पैसे को सही हाथों में सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। लेकिन तब आखिर क्या होता है जब अकाउंट होल्डर और नॉमिनी दोनों न रहें? ऐसी सूरत में बैंक में जमा पैसा और एफडी समेत अन्य चीजों पर किसका हक होगा। ये बड़ा सवाल रहता है।

जब अकाउंट होल्डर और नॉमिनी दोनों न रहें तो बैंक आखिर किसे पैसा देती है, ये बात कम लोग ही जानते हैं। आइए इस स्थिति से जुड़े बैंकिंग नियमों के बारे में जानते हैं।

नॉमिनी न रहे तो किसे मिलेगा पैसा?

अकाउंटहोल्डर की मौत होने पर बैंक सारा पैसा नॉमिनी को ट्रांसफर करता है। लेकिन अगर दोनों ही नहीं रहें, तो पैसा अकाउंट होल्डर के कानूनी वारिस को दिया जाता है। इन कानूनी वारिसों में पति/पत्नी, बेटे-बेटी, माता-पिता, भाई-बहन आदि शामिल हो सकते हैं। बैंक इस प्रक्रिया को सावधानी से करता है ताकि गलत व्यक्ति के हाथ में पैसा न चला जाए।

बैंक को कौन-कौन से दस्तावेज देने होते हैं?

ऐसी स्थिति में सबसे पहले बैंक को अकाउंट होल्डर और नॉमिनी के निधन की सूचना दी जाती है। बैंक में डेथ सर्टिफिकेट, दावेदारों के आईडी प्रूफ (आधार, पैन कार्ड), और लेटर ऑफ डिस्क्लेमर भी जमा करने होते हैं।

यदि परिवार में एक से अधिक दावेदार हों या विवाद की आशंका हो, तो बैंक आपसे उत्तराधिकार प्रमाणपत्र की मांग कर सकता है, जो कोर्ट से जारी होता है। इसके बाद ही बैंक राशि जारी करता है।

वसीयत होने पर प्रक्रिया होती है आसान

अगर खाताधारक ने पहले से वसीयत बनाई हो और उसमें साफ लिखा हो कि मौत के बाद पैसा किसे मिलेगा, तो बैंक उसी के हिसाब से पैसा ट्रांसफर करता है। वसीयत नहीं होने पर हिंदू सक्सेशन एक्ट, 1956 के तहत सुलझाया जाता है और धनराशि परिवार में तय हिस्सों के अनुसार बांटी जाती है।

अगर कोई भी दावा न करे तो?

अकाउंट होल्डर और नॉमिनी के निधन के बाद भी अगर सालों तक कोई भी पैसों पर दावा न करे तो खाते को इनएक्टिव अकाउंट घोषित कर दिया जाता है। तय समयसीमा के बाद सारा पैसा सरकार के पास चला जाता है।

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